ऑडियो मामला: कंपनी के मालिक ने वापस ली अग्रिम जमानत की अर्जी

शिमला, एमबीएम न्यूज़।। हिमाचल प्रदेश में  स्वास्थ्य विभाग में पीपीई किट की खरीद में संभावित गड़बड़ के मामले में चंडीगढ़ की एक कंपनी के मालिक ने शिमला की एक अदालत में दाखिल अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी वापस ले ली। उनके वकील का कहना है कि इस मामले विजिलेंस द्वारा कोई संलिप्तता न पाए जाने के कारण यह अर्ज़ी वापस ली है। यह पूरा का पूरा मामला एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद सामने आया था।

कंपनी के मालिक की ओर से 12 जून को अग्रिम जमानत के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की थी, जिस पर आज सुनवाई होनी थी। उनके वकील की तरफ से अदालत को बताया गया कि इस पूरे मामले में न तो उनकी कोई संलिप्तता है और न ही कोई ताल्लुक है। ऐसे में जमानत के लिए दायर अर्जी वापिस ली जा रही है।

वायरल आडियो मामले में 12 जून को एजेंट पृथ्वी सिंह को अदालत ने सशर्त जमानत देते हुए रिहा किया था। उसे छह जून को गिरफतार कर विजिलेंस ने पांच दिन के रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान विजिलेंस ने पाया कि उसने निलंबित स्वास्थ्य निदेशक को रिश्वत के 50 हजार रूपये पहुंचाए थे। यह मामला पीपीई किट की आपूर्ति से जुड़ा है। विजिलेंस अब यह पता लगाने में जुटी है कि 50 हजार की रिश्वत निलंबित स्वास्थ्य निदेशक तक कैसे और कहां पहुंचाई गई थी।

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पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डाॅक्टर एके गुप्ता और उनकी पत्नी ने भी गिरफतारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। विजिलेंस ने गत 20 मई को 43 सेकंड के वायरल आडियो के आधार पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर डाॅक्टर गुप्ता को गिरफतार किया था। हालांकि 30 जून को अदालत ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था। वायरल आडियो में डाॅक्टर गुप्ता और एजेंट पृथ्वी के बीच 5 लाख रूपये के लेन-देन की बात हो रही थी। विजिलेंस का दावा है कि पीपीई किट की खरीद को लेकर दोनों में सांठगांठ हुई है।

इस पूरे मामले में उठ रहे सवालों के बीच नाहन से विधायक राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

(यह ख़बर सिंडिकेशन के तहत प्रकाशित की गई है)

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