आर्जीमोन: खतरनाक खरपतवार जो सरसों की आड़ में ले सकता है जान

आर्जमोन एक खरपतवार है जो सरसों के खेतों में उगता है। इसके बीज काफी हद तक सरसों के बीज जैसे होते हैं मगर विषैले होते हैं।

धर्मशाला।। डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने लोगों से खुली सरसों तथा उससे निकलवाये तेल का उपयोग करने से परहेज की अपील की है। उन्होंने कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी के खुंडियां क्षेत्र में आर्जीमोन सीड मिले सरसों के तेल के सेवन से एक व्यक्ति की मृत्यु का मामला सामने आने के दृष्टिगत लोगों से यह अपील की है। उन्होंने आग्रह किया कि पिछले दिनों जिस किसी ने भी खुले बाजार से सरसों खरीदी हो वे उसका या उससे निकलवाये तेल का उपयोग न करें।

बता दें, खुंडियां क्षेत्र के मामले में प्रभावित परिवार ने खुले बाजार से सरसों खरीदकर कोल्हू से उसका तेल निकलवाया था, जिसके सेवन से परिवार के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक तेल में आर्जीमोन सीड मिला होने के कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ा और उसकी दुखद मृत्यु हो गई।

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उपायुक्त ने बताया कि यह खुली सरसों खुंडियां बाजार से खरीदी गई थी। पड़ताल के बाद पता चला है कि इस सरसों के बीज का थोक विक्रेता परागपुर में है, जिसके कारण संभव है कि इस बीज का विक्रय अन्य क्षेत्रों में भी हुआ हो। ऐसे में पिछले दिनों जिस किसी ने भी खुले बाजार से सरसों खरीदी हो वे उसका या उससे निकलवाये तेल का इस्तेमाल न करें।

विषैले सरसों तेल के सेवन से होती है ड्रॉप्सी नामक बीमारी
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि इस विषैले सरसों के बीज या उससे निकले तेल के सेवन से ड्रॉप्सी नामक बीमारी होती है। उन्होंने कहा कि शरीर में विशेषकर पैरों, एड़ियों और टांगों में सूजन आना इसके लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों में यदि किसी भी व्यक्ति ने खुली सरसों या उससे निकलवाये तेल का पिछले दिनों सेवन किया है और उनके शरीर में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं तो वह तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना उपचार करवाएं। डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि स्वास्थ विभाग और पूरे जिले में स्वास्थ संस्थानों और अधिकारियों को इसके उपचार संबंधित निर्देश दे दिए गए हैं।

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