हिमाचल प्रदेश के सभी कॉलेजों को अगस्त में मिल सकते हैं प्रिंसिपल

प्रतीकात्मक तस्वीर

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में खाली चल रहे प्रिंसिपल के पदों को जल्द ही भर दिया जाएगा। मौजूदा समय में लगभग 47 प्रतिशत कॉलेजों में प्रिंसिपल के पद खाली चल रहे हैं। अब शिक्षा विभाग ने इन पदों को भरने की पूरी तैयारी कर ली है।

शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कॉलेजों से उन एसोसिएट प्रोफेसरों की सूची मंगवाई है, जो सीनियरिटी लिस्ट में हैं। दो दिन के भीतर कॉलेजों को यह डेटा ई-मेल के ज़रिए भेजने के लिए कहा गया है। विभाग का दावा है कि अगस्त महीने के दूसरे हफ्ते तक पदोन्नति की सूची जारी कर दी जाएगी।

मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में 138 सरकारी कॉलेज हैं। इनमें से 66 कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं है। वहीं 19 कॉलेजों में अस्थाई व्यवस्था अपनाते हुए कार्यकारी प्रिंसिपल लगाए गए हैं। वहीं 10 कॉलेज ऐसे हैं जिनमें प्रिंसिपल दिसंबर महीने तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। ऐसे में अगर जल्द ही विभाग द्वारा पदोन्नति सूची जारी नहीं की जाती है तो ये कॉलेज भी प्रिंसिपल के बिना ही हो जाएंगे।

बता दें कि प्रिंसिपल का पद संस्थान का महत्वपूर्ण पद होता है। जब नैक की टीम कॉलेज आती है तो प्रिंसिपल ही उस टीम के साथ होता है। ऐसे में जब कॉलेज में प्रिंसिपल ही नहीं होगा, तो कॉलेज का ग्रेड गिरना स्वभाविक है।

निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ अमरजीत शर्मा ने कहा कि कॉलेजों को दो दिन के भीतर रिकॉर्ड भेजने को कहा गया है। रिकॉर्ड आने के बाद पदोन्नति के लिए पैनल तैयार किया जाएगा। यह पैनल तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा।

वहीं देखा जाए तो विभाग के इस निर्णय के पीछे कॉलेज प्रोफेसरों का दबाव एक मुख्य कारण है। प्रोफेसरों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। कॉलेज प्रोफेसर पिछले एक हफ्ते से काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दो दिन तक मूल्यांकन का भी बहिष्कार किया था। साथ ही उन्होंने अपने आंदोलन को तेज करने की भी चेतावनी दी है।

प्रोफेसरों की चेतावनी के बाद ही मंगलवार को शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर निकाला है। जिसमें कॉलेजों से दो दिन के भीतर पदोन्नति के लिए सारा रिकॉर्ड माँगा है।

बिना प्रिंसिपल के चल रहे हिमाचल के 47 प्रतिशत सरकारी कॉलेज

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