डीसी और एसपी से माफी मंगवाने पर तुले विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज

हंसराज उस समय भी चर्चा में आए थे जब पद संभावलने से पहले कुर्सी को प्रणाम करते हुए उनकी एक तस्वीर सामने आई थी (MBM News Network)

शिमला।। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज की एक ‘ज़िद’ इन दिनों प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल कुछ समय पहले जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा चंबा आए थे, उस दौरान चंबा के उपायुक्त और एसपी की गाड़ी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज की गाड़ी को ओवरटेक कर लिया था।

ऐसी जानकारी है कि अधिकारियों के वाहनों ने चुराह के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष की गाड़ी को उस समय ओवरटेक किया जब वह नड्डा के काफिले के पीछे चल रही थी। विधानसभा उपाध्यक्ष ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया और उनकी शिकायत के आधार पर दोनों अधिकारियों को एक नोटिस भेजा गया था।

कार्मिक विभाग की ओर से चंबा के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम और एसी टू डीसी को नोटिस भेजे गए थे औऱ इस घटना पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था। सभी अधिकारियों ने नोटिस का जवाब दिया और कथित तौर पर इसमें उन्होंने बताया है कि उन्होंने किसी तरह का प्रोटोकॉल नहीं तोड़ा है।

मगर उनका यह जवाब हंसराज को पसंद नहीं आया है। जागरण में छपी खबर के मुताबिक हंसराज ने कहा है कि जब तक ‘चंबा के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक जब तक खुद उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए माफी नहीं मागते, तब तक मामला नहीं सुलझ पाएगा।’

विधानसभा उपाध्यक्ष का कहना है, “यह मामला व्यक्तिगत न होकर संवैधानिक पद की गरिमा से जुड़ा है। कोई अधिकारी संवैधानिक संस्था से ऊपर नहीं हो सकता है।” हंसराज ने अधिकारियों पर वाहन को ओवरटेक कर प्रोटोकॉल तोड़ने और संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने चंबा के सरोल गाव में किसानों के लिए आयोजित कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों के मौजूद न होने की शिकायत भी प्रदेश सरकार से की है।

क्या हैं नियम
जागरण ने प्रकाशित किया है कि हिमाचल प्रदेश में वीवीआइपी मूवमेंट को लेकर प्रोटोकॉल नहीं बना है। ‘पुरानी प्रथा के अनुसार वाहन चलते हैं। प्रोटोकॉल के लिए गाइडलाइन न होने से कई बार वीवीआइपी वाहनों के लाव-लश्कर पर भी सवाल उठे हैं। परंपरा के अनुसार वीवीआइपी मूवमेंट के समय सबसे आगे पायलट, उसके पीछे वीवीआइपी वाहन, एस्कॉर्ट और अन्य वाहन चलते हैं।’

पढ़ें- जब हिमाचल के पहले सीएम डॉक्टर परमार को ट्रक वाले ने जानबूझकर नहीं दिया था पास

SHARE