तारादेवी में सैकड़ों पेड़ कटने को वनमंत्री ने बताया झाड़ियां कटने का मामला

शिमला।। साल 2014 में शिमला के तारादेवी में सैकड़ों पेड़ों के अवैध कटान का मामला चर्चा में आया था। पेड़ कटान के इस मामले में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भूमि मालिक को 20 लाख रुपये बतौर हर्जाना राशि जमा कराने का आदेश दिया था। मगर अब वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का कहना है कि तारादेवी में पेड़ नहीं, झाड़ियां कटी थीं।

क्या यह झाड़ियों के ठूंठ हैं? (Courtesy: tribuneindia.com)

शिमला में वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि पुलिस को क्या पता, मंत्री को पता है कि तारादेवी में अवैध कटान हुआ है या नहीं। दैनिक जागरण, दिव्य हिमाचल और अन्य अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘तारादेवी में पेड़ नहीं केवल झाड़ियां काटी गईं और वहां अवैध कटान नहीं हुआ। वन मंत्री ने शिमला में पत्रकारों से कहा कि तारादेवी में निजी जमीन पर झाड़ियां काटी गई थीं जिसकी अनुमति नहीं ली गई थी।’ इस मामले में जा पुलिस ने जो मामला दर्ज किया था उसमें छोटे बड़े 250 पेड़ काटे जाने का जिक्र था। (नीचे देखें Himachal Watcher द्वारा पब्लिश किया गया वह वीडियो जिसमें तारादेवी में काटे गए पेड़ों के ठूंठ नजर आते हैं।)

गौरतलब है कि जनवरी 2015 में NGT के चेयरपर्सन स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने पर्यावरण को 477 पेड़ों के कटान से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 4700 पेड़ उसी भूमि पर लगाने का आदेश दिया था। उस दौरान सरकार ने ट्रिब्यूनल को बताया था कि 87 घन मीटर के करीब काटी गई लकड़ी बरामद की जा चुकी है। ट्रिब्यूनल को सरकार ने खुद बताया था कि 426 पेड़ों को पुन: जिंदा किया जा सकता है जबकि अन्य पेड़ों की जगह नए पेड़ लगाए जाएंगे।

तारादेवी में कटे पेड़ों की तस्वीरें Himachal Watcher के आर्टिकल पर जाकर देखने के लिए यहां क्लिक करें

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