कंडाघाट थाने के 18 पुलिकर्मियों का तबादला: बाबा अमरदेव की पहुंच का असर?

सोलन।। सोलन के कंडाघाट के रामलोक के विवादित बाबा अमरदेव ने आखिरकार अपनी राजनीतिक पहुंच का असर दिखा दिया है। एक महिला को तलवार से हमला करके घायल करने वाले इस बाबा की स्थानीय लोगों ने पिटाई कर दी थी। इस बाबा के दरबार कई केंद्रीय मंत्री घुटने टेका करते थे मगर खुद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें वह बाबा का हालचाल जानने अस्पताल आए थे। सीएम से मुलाकात के 48 घंटों के अंदर ही कंडाघाट पुलिस स्टेशन पर तैनात 18 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है। पूरे इलाके में लोग पुलिसकर्मियों के इस तबादले को बाबा अमरदेव के हिमाचल सरकार के एक मंत्री से रिश्ते और मुख्यमंत्री से मुलाकात के साथ जोड़ रहे हैं। एसपी सोलन ने कंडाघाट के एसएचओ दलीप सिंह समेत 18 पुलिस कर्मियों का तबादला किया है। एसआई संदीप कुमार को एसएचओ कंडाघाट लगाया गया है। चूंकि, रविवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अस्पताल जाकर बाबा अमरदेव से मुलाकात की थी। ऐसे में इस कार्रवाई को उस मुलाकात के असर के रूप में देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि यह वही बाबा है जिसके ऊपर सरकारी जमीन पर कब्जा करने, जंगली जानवरों के अंगों और अवशेषों की तस्करी का आरोप है। पुलिस और सीआईडी की टीम ने यहां छापा मारकर तेंदुए की चार खालें और बहुत सी तलवारें बरामद की थीं। इसके बाद ग्रामीणों का आरोप है कि इस बाबा ने महिला पर तलवार से हमला कर दिया जिसमें वह बुरी तरह जख्मी हो गई। इसके बाद गुस्साए लोगों ने बाबा पर हमला कर दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है और मौजूदा सरकार के कई मंत्रियों की शह मिली हुई है। लोगों का कहना है कि अब ये आरोप सही साबित होते नजर आ रहे है।

ठाकुर कौल सिंह (बाएं) और शांडिल के साथ बाबा अमरदेव

चर्चा है कि बाबा अमरदेव ने कंडाघाट पुलिस की शिकायत सीएम से की और एक मंत्री ने भी मुख्यमंत्री पर दबाव डाला। इसके बाद आनन-नन में कंडाघाट पुलिस के हरेक कर्मचारी का तबादला कर दिया गया है। इस कदम से पुलिसकर्मियों मे भी नाराजगी देखे को मिल रही है। ‘एमबीएम न्यूज नेटवर्क’ के पास आई ट्रांसफर लिस्ट को देखें तो सोलन में 63 पुलिसकर्मियों के तबादले हुए है। यह भी कहा जा रहा है कि महिला पुलिसकर्मियों तक को नहीं बख्शा गया है।

कौन है बाबा अमरदेव
स्थानीय लोगों के मुताबिक मंदिर स्थित बाबा के दरबार में कई बड़े मंत्री और अधिकारी हाजिरी लगाने आते रहते हैं, जिनमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री व सोलन के विधायक डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल भी हैं। बाबा अमरदेव की संदिग्ध गतिविधियों पर ग्रामीणों की नजर काफी दिनों से है। कई बार पुलिस में इसके खिलाफ सूचना भी दी जाती रही थी। इस साल अप्रैल में पुलिस और सीआईडी की टीम ने सटीक जानकारी मिलने के बाद मंदिर में संयुक्त रूप से छापेमारी की।

पुलिस जब मंदिर के भीतर घुसी तब बाबा तेंदुए की खाल पर बैठा हुआ था। जब उनको आसन से उठाया गया तब उस पर और तीन खालें बिछी हुई थीं। इसके बाद मंदिर में से एक और खाल बरामद की गई। गिरफ्तार किए जाने पर बाबा अपने बचाव में इसे भक्तों का दिया हुआ उपहार बता रहा था।

बाबा अमरदेव तेंदुओं की खालों के साथ

सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप, मंत्री की शह
गौरतलब है कि रामलोक मंदिर कुछ ही वक्त पहले बनना शुरू हुआ है, अब तक इसमें लाखों रुपये लगाए जा चुके हैं। मंदिल के लिए सरकारी जमीन कब्जाने का भी आरोप है। यहां पर राम परिवार की विशाल मूर्तियों के अलावा हनुमान जी की साढ़े 10 फुट ऊंची 11 मुखी मूर्ति की स्थापना की गई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक कुछ ही समय पहले प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं सहकारिता मंत्री ने यहां के मंदिर की 108 सीढ़ियों के लिए अपने बजट से मुहैया कराया था। बाबा इस घटना के बाद फिर अपने आश्रम लौट आया और कुछ ही दिनों बाद महिला पर तलवार से हमला करने की घटना सामने आ गई।

बाबा अमरदेव ने सुरक्षा को लेकर हाई कोर्ट में गुहार लगाई थी और कोर्ट के आदेश पर सरकार ने सुरक्षा पर भी दी है। स्थानीय लोगों का कहना है बाबा बनावटी बातें करता है और मासूम लोगों को धर्म और आस्था के नाम पर ठग रहा है। ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो बाबा को गलत मानने को तैयार नहीं है।

प्रश्न यह है कि क्या मंदिर, धर्म के नाम पर किसी को भी सरकारी जमीन पर कब्जा करने, मासूम जानवरों को मारकर उनकी खाल पर विराजने और महिलाओं पर तलवार से हमला करने का लाइसेंस मिल जाता है? क्या ऐसा करने वाले लोग ही धर्म और आस्था के लिए खतरा नहीं हैं? इस मामले में जांच की जरूरत है मगर जब सरकार के मंत्री ही ऐसे तत्वों से करीबी रिश्ते रखेंगे और पुलिसकर्मियों के तबादले होंगे तो किससे उम्मीद रखी जाए।

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(एमबीएम न्यूज नेटवर्क से ली गई जानकारी के साथ)

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