अनुराग ठाकुर को सुप्रीम कोर्ट से राहत, वीरभद्र सरकार को झटका

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शिमला।। व्यवसायी, क्रिकेट प्रशासक और हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को बड़ी राहत मिली है। एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला को लेकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में अनुराग समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका रद हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के हिमाचल सरकार के फैसले को गैरकानूनी भी करार दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश जहां अनुराग के लिए राहत भरा है, वहीं वीरभद्र सरकार के लिए एक झटका है। गौरतलब है कि इससे पहले हाईकोर्ट ने भी अनुराग ठाकुर के हक में फैसला दिया था। इसके बाद इस फैसले को हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

यह है मामला
दरअसल एचपीसीए स्टेडियम के गेट नंबर एक के साथ लगती भूमि पर शिक्षा विभाग का दो मंजिला रिहायशी भवन था। भवन का निर्माण 720 वर्ग मीटर में हुआ था। यहां कॉलेज प्राध्यापकों की रिहायशी के लिए टाइप-4 सेट बने हुए थे। पहले भूमि शिक्षा विभाग के नाम थी। आरोप है कि बाद में इस खेल विभाग को सौंपा गया। भूमि लीज पर भी नहीं है।

बिना अनुमति भवन गिराने का आरोप
इस मामले में एक फाइल भी गुम हई है। आरोप है कि स्टेडियम के निर्माण के दौरान बिना किसी अनुमति भवन को गिराया गया था। कांग्रेस चार्जशीट में इस मामले का उठाया गया था। हिमाचल प्रदेश विजिलेंस ने इस मामले पर धर्मशाला में 447,120 बी और पीडीपी एक्ट 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया था।

अनुराग समेत 7 लोग थे आरोपी
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के इस मामले में एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, पूर्व डीसी कागड़ा केके पंत, पूर्व प्रिसिंपल ललित मोहन शर्मा, धर्मशाला कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य नरेंद्र अवस्थी, पूर्व एक्सईएन देवी चंद चौहान, पूर्व एसडीओ एमएस कटोच, एचपीसीए पीआरओ संजय शर्मा, अतर नेगी और गौतम ठाकुर का नाम शामिल था।