विजिलेंस के मुताबिक एंटी-हेलगन खरीद में हुई थी नियमों की अनदेखी

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शिमला।। प्रदेश में भाजपा सरकार के वक्त खरीदी गई एंटी हेलगनों की खरीद में अनियमितताएं सामने आई हैं। विजिलेंस ने जांच में पाया है कि इन गनों की खरीद में शर्तों का पालन नहीं किया गया। बागबानी विभाग ने खरीद की शर्तों के विपरीत कंपनी को पूरी पेमेंट कर दी। इनके लिए लगाया गया राडार भी कुछ ही समय में खराब हो गया। इस मामले में विजिलेंस बागबानी विभाग के एक आलाधिकारी और फर्म के खिलाफ मामला दर्ज कर चुकी है।

पूर्व भाजपा सरकार के समय में खरीदी गई एंटी हेलगनों को लेकर विजिलेंस की जांच जारी है। भाजपा सरकार के वक्त साल 2011 में तीन एंटी हेलगनें खरीदी गई थीं। ये गनें खड़ा पत्थर के खटासू, देउरीघाट, ब्रूईंघाट में लगाई गई थीं। बागबानी विभाग ने एक निजी कंपनी के साथ इन गनों की खरीद को लेकर 2.35 करोड़ का सौदा किया था। इसके लिए एक राडार भी लगाया गया था।

एंटी हेलगनों की खरीद के लिए तय शर्तों का कंपनी ने पालन नहीं किया और बागबानी विभाग ने भी इनका पालन नहीं करवाया। कंपनी को इन गनों की एवज में किस्तों में पेमेंट होनी थी। यानी इन गनों की सही तरीके पर ही पूरी पेमेंट की जानी थी, लेकिन बताया जा रहा है कि बागबानी विभाग ने इन गनों के लिए पूरी पेमेंट कर दी, जबकि ये गन सही तरीके से काम नहीं कर पाईं।