20 साल की उम्र में दुनिया की 7 बड़ी चोटियों पर तिरंगा फहरा चुकी हैं हिमाचल की आकृति हीर

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कांगड़ा।। यह हैं आकृति हीर। आकृति भारत की पहली महिला हैं, जिन्होंने 20 साल की उम्र में यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रस को फतह किया है। कांगड़ा जिले के सुलियाली गांव की रहने वालीं आकृति ने 2012 में उत्तराखंड के नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनीअरिंग से पर्वारोहण की ट्रेनिंग ली। उस समय आकृति ने गंगोत्री पीक की चढ़ाई पूरी की जिसकी ऊंचाई 16 हजार फीट है। उसी वक्त से पर्वतारोहण आकृति के जीवन का हिस्सा बन गया।

आकृति अब तक दुनिया के 7 चोटियों पर कामयाबी से चढ़ चुकी हैं। इन हिमाचल से बातचीत से में आकृति ने बताया कि मैं बचपन से ही कुछ अलग करना चाहती थी, इसलिए माउंटनीअरिंग को चुना। उन्होंने कहा, ‘मैं साल 2014 में माउंट एलब्रस पीक पर जाने का तय किया। इसकी ऊंचाई 18,510 फीट है। यहां जाने के लिए मेरे पास कोई स्पॉन्सर नहीं था। मेरे पैरंट्स ने इसके लिए 3 लाख रुपये का लोन लिया।’

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आकृति बताती हैं कि कहीं से उन्हें फाइनैंशल हेल्प नहीं मिल पाई। आकृति माउंट एलब्रस पर चढ़ाई के अनुभव याद करते हुए बताती हैं, ‘मैंने कई मुश्किलों का सामना किया। धूप से जलना, कम तापमान को सहना जो माइनस 40 डिग्री था। हवाएं तेज थीं, बर्फबारी हो रही थी और एक वक्त तो ऐसा आया कि मेरी बॉडी काम ही नहीं कर रही थी। मगर आखिर में मैंने कामयाबी हासिल की और चोटी पर तिरंगा फहरा दिया।’

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इस उपलब्धि के लिए आकृति का नाम लिमका बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। आकृति कहती हैं कि अब उनका लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का है। हिमाचल सरकार की तरफ से ‘ Pride of Himachal’ अवॉर्ड तो उन्हें मिला, मगर आकृति को शिकायत है कि और कोई हेल्प नहीं मिली। दरअसल आकृति के पैरंट्स माउंट एवरेस्ट में चढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते। इसके लिए उन्होंने माउंट एवरेस्ट के लिए क्राउड फंडिंग कैंपेन शुरू किया है।

दरअसल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का खर्च 20 लाख आता है। अगर आप अपनी तरफ से आकृति की सहायता करने के लिए किसी भी तरह का योगदान देना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके ऐसा कर सकते हैं।

https://www.bitgiving.com/aakritiheer/