एमबीएम न्यूज नेटवर्क, पांवटा साहिबा।। 25 साल की उम्र में आज जहां प्रदेश की बेटियां पढ़ाई में आगे बढ़ रही हैं, कुछ जॉब कर रही हैं, कुछ ने अपना बिजनस स्थापित किया है तो कुछ खेल या कला-संस्कृति के क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। मगर इस बीच ऐसी खबरें विचलित करती हैं जहां पर 25 साल की एक महिला को छठी बार मां बनना पड़ा और वह भी पुत्र लालसा यानी बेटे की चाहत की वजह से।
मेहरूवाला गांव की 25 साल की अंजुम आज छठी बार मां बन गईं। इतनी कम उम्र में हर साल एक प्रसूति देखकर हर कोई दंग भी है। दरअसल पांच बेटियों के बाद अंजुम को बेटा हुआ है। इसलिए यह साफ दिखता है कि बेटे की चाहत की वजह से यह हुआ है।
यहां अंजुम को कोई दोष नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उसे सजा भुगतनी पड़ी है परिवार और समाज की मानसिकता की। जहां बेटियों को कुछ नहीं समझा जाता और बेटों की चाहत में महिलाओं को बच्चे पैदा करने वाली मशीन बना दिया जाता है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकारी योजनाओं की क्या स्थिति है प्रदेश में।
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पुरुवाला के नजदीक अंजुम ने छठे बच्चे को जन्म दिया। पहली बेटी ने अभी ठीक से स्कूल जाना भी शुरू नहीं किया है। लेकिन उसकी चार नन्हीं बहनें व एक भाई भी मां के आसपास ही लिपटे रहते हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चों की परवरिश कैसे होगी और उन्हें जन्म देने वाली मां की क्या हालत होगी।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा से बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को काउंसलिंग के माध्यम से ही लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि मामला अब ध्यान में आ गया है, लिहाजा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिला के बच्चों का स्वास्थ्य ठीक है, कहीं वे कुपोषण के शिकार तो नहीं हैं।