भारतीयों को ही आने नहीं दे रहा कसोल का एक इजरायली कैफे

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  • ए. आर. प्रसन्न
पार्वती घाटी में बसे कसोल का नाम तो आपने सुना ही होगा? वही कसोल, जिसकी पहचान मिनी इजरायल के तौर पर बन गई है। ऐसी जगह, जहां पर विदेशी टूरिस्ट, खासकर इजरायली, निर्वाण प्राप्त करने पहुंचते हैं। निर्वाण तो क्या, वे यहां चरस-गांजा पीने, ड्रग्स में डूबकर मौज-मस्ती करने आते हैं। दरअसल कसोल हिपी कल्चर का गढ़ बना हुआ है।

जहां विदेशियों ने माहौल बनाया हो, वहां पर भारतीय टूरिस्ट भी खिंचे चले आते हैं। मगर क्या हो, जब भारत की ही जमीन पर बने रेस्तरां में भारतीयों की एंट्री बैन हो? जी हां, जिस कसोल में आपको हिब्रू में साइन बोर्ड तक लगे दिखते हैं, वहां पर एक ऐसा रेस्तरां हैं, जिसमें भारतीयों के प्रवेश पर बैन लगा हुआ है।

इस कैफे में नहीं आ सकते भारतीय
फेसबुक एक ऐसी पोस्ट दिखी, जिसमें दावा किया गया है कि एक रेस्तरां ने विदेशी नागरिक को तो जाने दिया, मगर भारतीय को प्रवेश की इजाजत नहीं दी।

चिंकी सिन्हा लिखती हैं, ‘इजरायलियों ने भारत में फ्री कसोल नाम से कैफे बनाया है, जिसमें भारतीयों की एंट्री बैन है। उन्होंने एक गोरे दोस्त को तो जाने दिया, मगर भारतीय को रोक दिया।’

So, some Israelis have set up a cafe called Free Kasaul in Kasaul, and deny Indians admission. Our friend was denied…
Posted by Chinki Sinha on Sunday, August 16, 2015

चिंकी ने आगे लिखा है, ‘इजरायल जाने पर वे लोग पूरे कपड़े उतारकर तलाशी लेते हैं और वहां बंद बस्तियां बनाई हैं। वे यहां निर्वाण के नाम पर मस्ती करने  आते हैं और मानते हैं कि वे ही यहां हे सर्वेसर्वा हैं। ‘

इन लोगों के साथ गए एक विदेशी मित्र ने लिखा है, ‘हम फ्री कसोल कैफे में गए तो उन्होंने बमें मेन्यु नहीं दिया औऱ कहा कि यह सिर्फ मेंबर्स के लिए है। मैंने मांगा तो दे दिया। मैंने पूछा तुम तो कह रहे थे कि मेंबर्स के लिए है तो उसने कहा कि आपने तो देखने के लिए मांगा, इसलिए दिया। मैंने कहा तो देखने के बाद क्या मैं ऑर्डर नहीं दे सकूंगा तो उसने कहा- हां।

This restaurant in Kasol is called ‘Free Kasol’. The freak asshole who runs it refuses to serve Indians. I walked in…
Posted by Stefan Kaye on Monday, August 17, 2015

मैंने मालिक को कहा कि वह गलत कर रहा है तो उसने कहा, ‘यह मेरा कैफे है और मैं कुछ भी कर सकता हूं।’ जब यह हो रहा था तो वहां मौजूद गोरे लोग आराम से चुस्कियां ले रहे थे और स्नैक्स खा रहे थे।
पता चला मालिक भारतीय है और पिछले 15 साल से हर साल इजरायल जा रहा है।
अगर यह घटना सच है तो बहुद दुखद है। हिमाचल प्रदेश में आकर ड्रग्स कल्चर को बढ़ावा देना, भारतीयों के साथ भेदभाव करना बेहद गलत है। हिमाचल प्रदेश अपनी पहचान खोता जा रहा है। टूरिजम को प्रमोट करने का यह मतलब नहीं है कि किसी भी तरह की मनमानी को बढ़ावा दिया जाए।

हिमाचल प्रदेश सरकार को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और इस कैफे समेत कसोल में चल रहे खेल पर लगाम लगानी चाहिए।

(लेखक ‘इन हिमाचल’ के स्तंभकार हैं)