आमतौर पर देव स्थानों पर सिगरेट व नशे की अन्य वस्तुएं ले जाने पर रोक होती है, मगर यूट्यूब पर डाले गए कई विडियो दिखाते हैं कि लोग यहां आकर शिवलिंग को सिगरेट पिलाते हैं और विडियो भी शूट करते हैं। आस्था के बजाय यह कौतूहल का विषय ज्यादा लगता है। विडियो देखिए:
इस विडियो को देखने पर पता चलता है कि शिवलिंग काफी अलग तरह का है। आमतौर पर शिवलिंग की सतह पतली होती है, मगर इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की तरह में काफी गड्ढे से बने हैं। लोग इन्हीं गड्ढो में सिगरेट फंसा देते हैं। कुछ ही देर में सिगरेट खुद ब खुद ऐसे सुलगने लगती है, मानो कोई कश ले रहा हो।
लोगों के बीच लुटरू महादेव की बड़ी मान्यता है। दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। कई अवसरों पर भंडारों व जागरण आदि का आयोजन भी किया जाता है।
विज्ञान की सामान्य प्रक्रिया है
इन हिमाचल ने इस बारे में पड़ताल की तो पाया कि यह चमत्कार के बजाय विज्ञान की सामान्य सी प्रक्रिया है। यह तो सब जानते हैं कि सिगरेट एक बार सुलग जाने पर अगरबत्ती की तरह जलती रहती है। जैसे ही लोग शिवलिंग में सिगरेट फंसाते हैं, इसे एक तरह का स्टैंड मिल जाता है।
मंदिर काफी ऊंचाई पर है और यहां पर हवा का प्रवाह भी तेज होता है। जैसे ही बाहर तेज हवा चलती है, शिवलिंग के आसपास की हवा तेजी से एक गलियारा सा बनाते हुए निकलती है। इससे शिवलिंग में फंसाकर रखी गई सिगरेट की आग तेज होती है और वह सुलगने लगती है। अगर कश लेने जैसी बात होती तो सिगरेट के फिल्टर के पास से धुआं निकलता और वह काला भी हो जाता। मगर ऐसा कुछ नहीं होता।
गलत है ऐसा करना
कोई नहीं जानता की यह परंपरा कब शुरू हुई। मगर कोई भी शख्स यह नहीं चाहता कि भगवान के साथ कोई गलत चीज़ जुड़े। मंदिरों में शराब व सिगरेट आदि का सेवन गलत माना जाता है। ऊपर से यह जानते हुए भी यह चमत्कार नहीं है, जबरन शिवलिंग पर सिगरेट फंसाना अपमानजनक है। उम्मीद है कि मंदिर प्रशासन व स्थानीय लोग इस पर रोक लगाने के लिए आगे आएंगे।