हिमाचल प्रदेश में सेब का कारोबार खतरे में है। सरकारों की अनदेखी की वजह से प्रदेश की ऐपल इंडस्ट्री बदहाली के दौर से गुजर रही है। दरअसल सेबों के व्यापारी हिमाचल प्रदेश के बागान मालिकों से सेब खरीदने के बजाय विदेशों से सस्ता सेब इंपोर्ट कर रहे हैं।
एक इंग्लिश न्यूज पेपर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कई सारे युवाओं ने मल्टिनैशनल कंपनियों की जॉब छोड़ दी थी, ताकि वे घर आकर सेब का कारोबार संभाल सकें। मगर अब उन्हें पछतावा हो रहा है। अगर जल्द ही सेब को लेकर कोई साफ पॉलिसी नहीं बनाई गई, तो हिमाचल का सेब कारोबार दम तोड़ सकता है। यह बात प्रदेश की इकॉनमी के लिए भी अच्छी नहीं होगी।
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रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही सरकारें इस हाल के लिए दोषी हैं। अगर वक्त रहते नीतियों में बदलाव किए होते तो आज ऐपल इंडस्ट्री की ऐसी हालत न होती। जरूरी है कि बागवानों को ऐपल की नई और प्रचलित किस्मों की पैदावार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए सरकार को बागवानों की मदद भी करनी चाहिए, लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा।