रेल बजट: झुनझुना भी नहीं मिला इस बार, मगर ‘दार्शनिक’ बने हिमाचल के सांसद

शिमला।।

इस बार के रेल बजट से एक बार फिर हिमाचल प्रदेश को मायूस होना पड़ा। पूरे भाषण में  रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने किसी नई ट्रेन या लाइन का जिक्र नहीं किया, मगर हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने ट्वीट करके और फेसबुक पेज पर पोस्ट डालकर कहा- प्रदेश की लंबित रेलवे लाइनों के लिए धन देने के लिए पीएम और रेल मंत्री का आभार। उनके ट्वीट्स से ऐसा लग रहा था, मानो हिमाचल प्रदेश को नई सौगात मिल गई हो। मगर हकीकत यह थी कि प्रदेश के तीन पुराने प्रॉजेक्ट्स के लिए ही अनुदान मिला है, जो कि रस्म अदायगी भर है।

‘प्रभु’ ने किया निराश

रेल बजट में इस बार भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन के लिए 160 करोड़, नंगल-तलवाड़ा रेललाइन के लिए 100 करोड़ और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन के लिए केंद्रीय बजट में 95 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। साथ ही ऊना से अंब के बीच 25 किलोमीटर रेल ट्रैक के विद्युतीकरण को भी मंजूरी दी गई है। ध्यान रहे कि ये पुराने प्रॉजेक्ट्स हैं और इनके लिए ही पैसा मंजूर किया गया है।

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संतोष इस बात पर जताया जा सकता है कि रेल मंत्रालय ने डिमांड फॉर ग्रांट की सूची में 7 ट्रैकों के सर्वे डाले हैं, जिनमें 5 नए हैं। इनमें से कुछ पुराने हैं, जिनका बजट बढ़ाया जाना है तो कुछ के लिए नए सिरे से बजट का प्रावधान होना है। मगर इन ट्रैकों के सर्वे का भविष्य बाद में प्राथमिकता के आधार पर किए जाने वाले प्रावधान पर निर्भर करता है। इस लिस्ट में पठानकोट-लेह और धर्मशाला-पालमपुर ट्रैक का सर्वे भी शामिल। बाकी की लिस्ट नीचे दी गई है।

लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान तब बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश आकर बड़े-बड़े वादे किए थे। अपनी हर रैली में उन्होंने कहा था, ‘भाइयो-बहनो! मैं सुनता हूं कि फ्लां जगह पर बस खाई में गिर गई, इतने लोग मर गए। पहाड़ के लोगों को आने-जाने में खतरा भी उठाना पड़ता है, खर्च भी ज्यादा होता है और वक्त भी ज्यादा लगता है। रेल की व्यवस्था होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? आवाज नहीं आ रही है, जोर स से बोलो… रेल का नेटवर्क होने से विकास आएगा कि नहीं आएगा?’

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मगर ये तमाम बातें धरी की धरी रह गई।  और तो और, सामरिक महत्व रखने वाले मनाली-लेह प्रॉजेक्ट को लेकर भी इस बार हिमाचल को एक तरह से निराश होना पड़ा है। इस बजट के बारे में पहले से रेल मंत्री से मिलकर चर्चा करने की खबरों को अपने फेसबुक पेज पर शेयर करके माहौल बनाने में जुटे हिमाचल प्रदेश के सांसद अब गोलमोल बातें करते नजर आ रहे हैं। दार्शनिक अंदाज में वे इस बजट के मायने समझा रहे हैं। आइए जानते हैं, क्या कहना है सांसदों का:

अनुराग ठाकुर (हमीरपुर): पहली बार रेल बजट में हिमाचल की पांच पुरानी योजनाओं के लिए भारी-भरकम बजट मिला है। पहले सिर्फ 25 से 30 करोड़ रुपये मिलते थे, मगर इस बार तीन रेल लाइनों के लिए 355 करोड़ दिए गए हैं। यूपीए सरकारों में कभी ऐसा नहीं हुआ। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर रेलवे का विस्तार करने में मदद मिलेगी।

रामस्वरूप शर्मा (मंडी): बजट में प्रस्तावित मनाली लेह रेल लाइन को शामिल नहीं किया गया है। इससे निराश होने की जरूरत नहीं हैं। इस लाइन के लिए प्रयास जारी रहेंगे। ऐसा भी हो सकता है कि बीच में भी इस लाइन के लिए केंद्र सरकार घोषणा कर दे।

वीरेंद्र कश्यप (शिमला): केंद्रीय रेल बजट पूरे देश के लिए है। इसमें किसी भी राज्य विशेष पर फोकस नहीं किया गया है। निश्चित तौर पर इससे रेलवे को मजबूत करने में करने में मदद मिलेगी। क्योंकि, पहली बार बड़े पैमाने पर सुरक्षा और सुविधाओं की बात की गई है।

शांता कुमार (कांगड़ा): रेलवे बजट सभी पुरानी परम्पराओं को तोड़कर लीक से हटकर नई परम्परा और अवधारणा से बना है। प्राय: हर बजट में नई नई योजनाओं की घोषणा होती थी, जिनमें पूरा वर्ष बीतने पर भी आधी योजनाओं पर भी काम शुरू नहीं होता था और योजनाएं अधूरी रहती थीं।

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