कांगड़ा।।
आने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रदेश की राजनीति की चौथी पीढ़ी के आगाज के रूप में देखे जा रहे हैं। जनता भले ही परिवारवाद की आलोचना करती नजर आती है, मगर प्रदेश का भविष्य इससे मुक्ति पाता नहीं दिख रहा। बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियों के नेता अपनी अगली जेनरेशन की लॉन्चिंग की तैयारी कर रही है।
बीजेपी की बात की जाए तो अनुराग ठाकुर की सफलता के बाद अरुण धूमल ने भी अपने आप को को राजनीति में सक्रिय कर लिया था। एक बार को उन्हें सुजानपुर से बीजेपी का उमीदवार बनाने की बात चल पड़ी थी, लेकिन संघ और मोदी की परिवारवाद के लिए बेरुखी के कारण उन्हें कदम पीछे खींचने पड़े। माना जा रहा है कि अनुराग ठाकुर के ससुर और जोगिंदर नगर के विधायक गुलाब सिंह ठाकुर भी अगले चुनाव में अपने बेटे सोमेंद्र ठाकुर को उतारेंगे।
इसी तरह से युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह भी आजकल पूरी राजनीति कर रहे हैं। इन दिनों शिमला ग्रामीण का कार्यभार वही देख रहे हैं। कांगड़ा के दिग्गज नेता जीएस बाली के बेटे रघुवीर सिंह बाली भी इस बार लोकसभा टिकट के दावेदार थे, पर ऐन मोके पर वीरभद्र सिंह ने चन्द्र कुमार को आगे कर दिया।
यह तो उन लोगों का ज़िक्र था, जो सुर्ख़ियों में रहते हैं। इन सबके बीच कांगड़ा घाटी से एक युवा चेहरा ऐसा है, जो कांग्रेस में चुपके से धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए अब काफी आगे पहुंच चुका है। पालमपुर की बुटेल फैमिली से तीसरी पीढ़ी के रूप में गोकुल बुटेल अब सक्रिय राजनीति में आ गए हैं।
मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार गोकुल सम्भवत: विधानसभा चुनाव में पालमपुर से पार्टी के उमीदवार हो सकते हैं। पालमपुर लाल कुञ्ज बिहारी बुटेल, शांता कुमार और बृजबिहारी लाल बुटेल जैसे धुरंधर नेताओं की सीट रह चुकी है। सुना जा रहा है की बुटेल फैमिली ने भी यह फैसला ले लिया है। जानकारों का भी मानना है कि गोकुल में परिवार के राजनीतिक वजूद को जिन्दा रखने की योग्यता है।
विदेश से पढ़ कर आए गोकुल बुटेल को सौम्य और मिलनसार स्वभाव का माना जाता है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि टेक्नॉलजी पर अच्छी पकड़ के कारण उन्हें मुख्यमंत्री ने सलाहकार के रूप में चुना है। यह भी चर्चा है कि प्रदेश में पहली बार मंडी शिवरात्रि कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग दिखाने का आइडिया भी गोकुल का था।