हमीरपुर बीजेपी के एक लोकल नेता प्यारे लाल शर्मा ने अपने भाषण में यह कह दिया कि स्वर्गीय ठाकुर जगदेव चन्द एवं दिग्गज बीजेपी नेता शांता कुमार ने वीरभद्र सिंह के आगे अपने दौर में घुटने टेक दिए थे।
गौरतलब है उस समय पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी मौजूद थे। शांता कुमार एवं ठाकुर जगदेव चंद जनसंघ के समय से राजनीति में सक्रिय रहे और बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में हैं। ठाकुर जगदेव ने 1977 से 1993 तक लगातार पांच बार हमीरपुर का नेतृत्व किया एवं दो बार शांता कुमार के बाद नंबर दो पर मंत्रिपद पर रहे थे।
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शांता कुमार एवं स्वर्गीय ठाकुर जगदेव चन्द एक दुर्लभ चित्र में एक साथ |
इस भाषण पर सुजानपुर के विधायक एवं ठाकुर जगदेव सुपत्र नरिंदर ठाकुर ने कड़ा संज्ञान लिया एवं सोशल मीडिया माध्यम से ही प्यारे लाल पर हमला बोला। बकौल ठाकुर उनके पिताजी हमीरपुर में भाजपा संस्थापक रहे हैं। उन्होंने पूछा कि ठाकुर जगदेव चंद न होते तो क्या हमीरपुर में भाजपा होती। उन्होंने यह भी सवाल दागा कि अगर ठाकुर जगदेव उस स्तर के नेता नहीं थे तो राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने उनके नाम से इतिहास शोध संस्थान नेरी में क्यों खोला। कुल मिलाकर इस पूरे वाकये में हमीरपुर जिला से भाजपा की फूट और अतंरद्वंद्व नजर आता है।
( नरिंदर ठाकुर ने अपने पेज से पोस्ट हटा दी है, मगर इन हिमाचल के पास उसका स्क्रीनशॉट मौजूद है, जो नीचे दिया है)
सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस पोस्ट पर लोगों ने तरह तरह के कॉमेंट किए थे। किसी का कहना था कि प्यारे लाल नहीं जानते की ठाकुर जगदेव और शांता जी उन नेताओं में से है जिन्होंने हिमाचल भर में पैदल चल चल के लोगों से गालियां खाकर भी बीजेपी को सींचा है। किसी का कहना था कि राजनीति से ऊपरये दोनों नेता विश्वास और परिश्रम के परिचायक रहे हैं, ऐसे में कम से कम इनके बारे में बोलने से पहले हज़ार बार सोच लेना चाहिए। वहीं एक अन्य कॉमेंट में लिखा गया है – ” बीजेपी की यह फूट आने वाले चुनाव के लिए सही आसार नहीं है।”
गौरतलब है नरिंदर ठाकुर पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से लड़े थे और बहुत कम मार्जिन से मुख्यमंत्री पद के उमीदवार प्रेम कमार धूमल से हारे थे। उसके बाद लोकसभा चुनाव में बनी परिस्थितयों में नरिंदर ठाकुर बीजेपी में शामिल हुए और सुजानपुर उपचुनाव जीतकर विधायक बने।
संस्थापक नेताओं पर की गई इस टिप्पणी पर प्रदेश बीजीपी हाई कमान क्या संज्ञान लेता है, इसपर सबकी नजरें टिकी हुयी हैं।