मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को क्यों मिली हैं 4 सरकारी गाड़ियां, कौन कर रहा सैर?

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मंडी।। मंडी में हुए कार्यक्रम में भाषण देते हुए धर्मपुर के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि ‘सीएम का पद महालक्ष्मी’ का पद होता है। बाकियों का पता नहीं, महेंद्र के लिए मंत्री पद जरूर साधन और सुविधाओं वाला पद बन गया है।

अक्सर चर्चा में रहने वाले आईपीएच और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को सरकार की ओर से चार गाड़ियां मिली हैं। इनमें एक सरकार की ओर से मंत्री को मिलने वाली गाड़ी है। इसके अतिरिक्त जीएडी ने उन्हें एक और गाड़ी दी है। इसके अलावा महेंद्र ठाकुर के लिए बागवानी और आईपीएच की भी एक-एक गाड़ियां दी गई हैं। यानी चार।

बात सिर्फ गाड़ियों की नहीं, इनके ड्राइवर्स की सैलरी भी सरकार देती है और ईंधन का खर्च भी। ये सब जानकारियां पिछले दिनों भूपेंद्र सिंह की ओर से डाली गई आरटीआई से मिली हैं। भूपेंद्र का दावा है आईपीएच से मिली गाड़ी(HP63D0001) को मंत्री की बेटी इस्तेमाल करती हैं जबकि एक अन्य गाड़ी को बेटा।

भूपेंद्र कहते हैं, “इनकी यात्राओं पर लाखों रुपये सरकारी विभाग खर्च कर रहे हैं। इस परिवारराज और फिजूलखर्ची के बारे प्रदेश के मुख्यमंत्री मूक दर्शक बने हुए हैं जबकि जनता के पैसे का दुरुपयोग मन्त्री के परिवार द्धारा किया जा रहा है।”

आरटीआई से पता चला है कि इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक जीएडी ने आईपीएच मन्त्री की गाड़ियों के ईंधन आदि पर ही 6 लाख रुपये खर्च कर दिए। जाहिर है विभाग से जारी दो गाड़ियों के ईंधन का खर्च अलग होगा।

आरोप लग रहे हैं कि दो गाड़ियों को मंत्री के परिवार के सदस्य निजी और राजनीतिक कामों में इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इनसे पिछले दो सालों में हुआ खर्च वापस लेना चाहिए। गौरतलब है कि मंत्री पर अपनी जगह बेटे से उद्घाटन आदि करवाने के आरोप भी लगे हैं। उनकी चिठ्ठियां भी वायरल हुई थीं जिनमें उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों को नौकरियों के लिए आवेदन करने को कहा था और हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया था।

यह भी कमाल है कि कई विवाद जुड़ने के बावजूद सीएम का ध्यान इस बात पर नहीं जाता कि महेंद्र क्या कर रहे हैं, क्या कह रहे हैं और उन्हें लेकर कौन सी खबरें मीडिया में छाई हैं। बहरहाल, सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक मंत्री को चार गाड़ियों की क्या जरूरत?

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