वीरभद्र ऐंड फैमिली की मुश्किलें बढ़ीं, वकामुल्ला गिरफ्तार

नई दिल्ली।। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य के ख़िलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने वकामुल्ला चंद्रशेखर नाम के कारोबारी को गिरफ्तार किया है। बता दें कि यह वही शख्स है जिसने अपने निजी खातों से वीरभद्र परिवार को 5.9 करोड़ रुपये दिए थे।

 

ईडी के अधिकारियों ने बताया कि तारीनी ग्रुप ऑफ कंपनीज के निदेशक/प्रमोटर वकामुल्ला चंद्रशेखर को केंद्रीय जांच एजैंसी ने मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत बीती रात को गिरफ्तार किया था, जिसे आज विशेष अदालत में पेश किया गया। एजैंसी ने पहले कहा था कि चंद्रशेखर ने वीरभद्र व उनके परिवार को अपने 3 निजी खातों से 5.9 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए थे।

 

कहां से पैसे लाया था वकामुल्ला?
जब फंड के स्रोत बारे जांच की गई तो सामने आया है कि उक्त राशि आवास प्रविष्टी आप्रेशन में लिप्त कंपनियों के माध्यम से हुई थी। इस महीने के शुरूआती दिनों में ही दिल्ली की विशेष अदालत ने इस मामले में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और 3 अन्य आरोपियों को तलब किया था।

वीरभद्र पर क्या है आरोप
ई.डी. ने वीरभद्र सिंह पर आरोप लगाया है कि जब वह पूर्व केंद्रीय मंत्री थे तो उन्होंने अपनी पत्नी व अन्य लोगों के साथ मिलकर 7 करोड़ की अपराध आय को कृषि आय के रूप में पेश किया तथा इसे एल.आई.सी. पोलिसी की खरीद में निवेश किया। अदालत ने इस मामले में वीरभद्र व उनकी पत्नी सहित यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएट के मालिक चुन्नी लाल चौहान को तलब किया। ई.डी. ने इस मामले में एल.आई.सी. एजैंट आनंद चौहान को भी नामित किया था।

सीबीआई भी कर रही है जांच
मामले के सिलसिले में सी.बी.आई. द्वारा दायर किए गए अलग मामले में वीरभद्र, उनकी पत्नी, आनंद चौहान पर अन्य आरोपो सहित आरोपपत्र लगाए थे। सी.बी.आई. द्वारा दर्ज मामले में चुन्नी लाल चौहान, डाक टिकट विक्रेता जोगिंदर सिंह घट्टा, वकामुल्ला चंद्रशेखर और सहआरोपी लॉन कुमार, प्रेम राज और राम प्रकाश भाटिया भी आरोपी बनाए गए हैं। सी.बी.आई. ने दावा किया था कि वीरभद्र सिंह ने लगभग 10 करोड़ की संपत्ति जुटाई थी जो केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनकी कुल आय से अधिक आय थी।

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