‘शादी के अगले दिन हुए रेप का बदला लिया है हनीप्रीत ने’

बाबा राम रहीम और हनीप्रीत को लेकर कई बातें बन रही हैं मगर अब डेरे के करीबी ने ऐसी कहानी बताई है कि पढ़कर पैरों तले जमीन खिसक जाए। एक टीवी चैनल से बात करते हुए डेरा प्रमुख के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह के बेटे गुरदास सिंह ने जो कहा, वह आपके होश उड़ा देगा।

‘हनीप्रीत की शादी के तुरंत बाद डेरा प्रमुख गुरमीत राम राहीम ने उसके साथ रेप किया था और उसी वक्त हनीप्रीत ने गुरमीत राम रहीम को बर्बाद करने की ठान ली थी और आज बर्बादी सबके सामने है।’ यह सनसनीखेज खुलासा एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान किया। खट्टा सिंह का परिवार साल 2007 से पहले तक डेरे के काफी करीब था। यहां बता दें कि किसी समय डेरा प्रमुख का खास रहा खट्टा सिंह नए सिरे से सीबीआई अदालत के सामने अपने बयान दर्ज करवाना चाहता था। उसकी अर्जी फिलहाल कोर्ट के पास विचाराधीन है।

हिमाचल में भी है एक डेरा

हनीप्रीत द्वारा डेरा मुखी को सोची-समझी साजिश के तहत बर्बाद करने के सवाल पर खट्टा सिंह के बेटे गुरदास सिंह ने कहा कि विश्वास गुप्ता के साथ हनीप्रीत की शादी 14 फरवरी 1999 को हुई थी और 15 फरवरी को बाबा विश्वास के घर (डेरे में था घर) आया था। दोनों ओर का परिवार विश्वास और हनीप्रीत के बेडरूम में बैठे थे। वहां डिनर भी रखा गया था। उस दौरान मैं (गुरदास सिंह) और मेरा कजन गेट पर थे। उसी वक्त उसने कजन को आशंका जाहिर कर दी थी कि आज हनीप्रीत के साथ रेप होगा। जब हनीप्रीत और विश्वास कमरे में अकेले रह गए, तो डेरा प्रमुख का रसोइया रतन खाना खाने के लिए बुलाने आया। रतन सार्दुलगढ़ के पास माखा का रहने वाला है। वह डेरा मुखी का राजदार भी है।

‘हनीप्रीत के दादा को धमकाया’
इसी दौरान डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम कोई 35-40 मिनट तक कमरे के अंदर रहा और जब वह और हनीप्रीत कमरे से बाहर आए, तो हनीप्रीत की हालत खराब दिखी। गुरदास सिंह के मुताबिक हनीप्रीत ने अगले दिन आपबीती अपने दादा को बताई। उन्होंने डेरे के प्रबंधक दादा सुखदेव दीवाना, दर्शन सिंह और धर्म सिंह के पास जाकर पोती के साथ हुई घटना की जानकारी देते हुए कहा कि वह इस बारे में बाहर जाकर बात करेगा। यह सुनते ही उन लोगों ने उसे पीटा और एक गनमैन ने हनीप्रीत के दादा की कनपटी पर पिस्तौल भी रख दी। वह डरा हुआ डेरे में हनीप्रीत के ससुराल पहुंचा और घटना की जानकारी दी।

इस घटना के बाद हनीप्रीत अपने घर (मायके) जाने लगी, तो बाबा को इस बारे में पता चल गया और उसने अपने दो गनमैन विश्वास के घर भेज दिए। गनमैन भी उसके साथ हनीप्रीत के मायके चल दिए। लेकिन फतेहाबाद से पहले पाली के ढाबे पर विश्वास कोल्ड ड्रिंक लेने के लिए उतरा, तो इस दौरान गनमैन ने गाड़ी में बैठी हनीप्रीत को धमकाया कि घर से डेरे में वापस नहीं आई, तो अंजाम बुरा होगा, अपने घर घंटा-दो घंटा लगा लो और वापस सिरसा चलना पड़ेगा।

वापस लौटने पर हनीप्रीत ने अपने दादा को सारी बात बताते हुए कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता, बाबा के खिलाफ कुछ बोल नहीं सकते लेकिन, वह बाबा को बर्बाद करके रख देगी। गुरदास सिंह ने जोड़ा कि मेरे हिसाब से जो कुछ डेरा प्रमुख के साथ हो रहा है, ये सब हनीप्रीत ने ही किया है। उसने यह भी कहा कि पंचकूला हिंसा में बाबा का ही हाथ है और मेरे हिसाब से इसके लिए मेसेज हनीप्रीत ने दूसरे लोगों तक पहुंचाया हो।

2007 में गुरदास ने डेरे को छोड़ा
गुरदास सिंह ने कहा कि साल 2007 में मैंने डेरा छोड़ दिया था और उससे पहले तक बाबा सिंपल था और उसके बाद हनीप्रीत उसके करीब चली गई। साल 2009 तक उसने बाबा को अपने वश में कर लिया और इस वजह से बाबा का परिवार हनीप्रीत से नफरत करता था। कोई भी उसको अच्छा नहीं समझता था। हनीप्रीत 24 घंटे गुरमीत राम रहीम के साथ रहती थी और बेटियों और बेटे को जहां 10 मिनट ही मिलने दिया जाता था, वहीं हनीप्रीत 24 घंटे बाबा के साथ रहती थी।

हनीप्रीत के गुरमीत राम रहीम के करीबी बन जाने पर उसने कहा कि उस समय तो विश्वास भी हनीप्रीत के साथ आता था और हनीप्रीत बाबा के पास चली जाती थी। सभी लोगों को सच्चाई पता थी, लेकिन कोई डर के कारण मुंह नहीं खोलता था। हनीप्रीत के बाबा के पास होने पर लोग कोर्ड वर्ड में चर्चा करते थे कि अंदर मैच चल रहा है और जिस दिन हनीप्रीत नहीं होती थी, तो कोड वर्ड था कि आज मैच कैंसल है, पिच गीली है।

बाबा के चक्कर में हुए बवाल से हिमाचल की बस सेवाएं बंद रही थीं

हनीप्रीत के रहते बाबा का अन्य लड़कियों के प्रति व्यवहार कैसा था, इस बारे में गुरदास सिंह ने कहा कि हनीप्रीत के जीवन में आने के बाद बाबा दूसरी लड़कियों को पूछता भी नहीं था। वह पूरी तरह हनीप्रीत के वश में था और जो लोग यह कह रहे हैं कि हनीप्रीत भी बाबा तक दूसरी लड़कियों को सप्लाई करती थी, यह गलत है।

डेरे में रहते हुए वहां के हालात और साध्वियों द्वारा लगाए गए आरोपों पर गुरदास सिंह ने कहा कि साध्वियों द्वारा लगाए गए आरोपों में 100 फीसदी सच्चाई है। गुरमीत राम रहीम को 23 सितंबर 1990 को शाह सतनाम जी ने गद्दी दी थी। उस समय तीन वचन दिए कि डेरे में महिला साध्वी नहीं रखी जानी चाहिए। अपना परिवार गुरसर मोड़िया में ही रखना होगा और डेरे में कोई ट्रस्ट नहीं बनेगा। लेकिन बाबा ने ये तीनों काम किए और डेरा बर्बाद हो गया।

‘बाबा देखता था ब्लू फिल्में’

हनीप्रीत के आने से पहले डेरा प्रमुख के साध्वियों के साथ व्यवहार पर गुरदास सिंह ने खुलासा किया कि डेरे में किसी को टीवी देखने की इजाजत नहीं थी। लेकिन, बाबा ने अपनी गुफा में टीवी रखा हुआ था। वह डेरे पर फिल्में बनाने वाले शर्मा जी से ब्लू फिल्म मंगवाकर देखता था और इससे उसके दिमाग में सेक्स छा जाता था।

डेरा समर्थरों को लगता है कि बाबा को फंसाया गया है

फिर उसने डेरे में लड़कियों का स्कूल-कॉलेज बनाया और जो पुराना डेरा है वहीं स्कूल बना और गुफा से स्कूल के हॉस्टल के लिए रास्ता निकलता था। वह इसी रास्ते से हॉस्टल में जाता था। वहां एक बड़ा अंधेरा कमरा था जिसमें कई किस्म की लाइट्स लगी हुई थीं, मानों किसी ब्रह्मांड (दूसरी दुनिया) में आ गए हों।

गुरमीत राम रहीम को जो लड़की पसंद आ जाती थी, वह उसके बैकग्राउंड के बारे में पता कर लेता था कि लड़की के किसी के साथ संबंध तो नहीं हैं। हॉस्टल की वॉर्डन उसे सब कुछ बता देती थीं। बाबा पसंद आई लड़की को इसी कमरे में 25 मिनट तक सिमरन करने को कहता था और कहता था कि तू ब्रह्मांड में चली जाएगी। इस कमरे में एक माइक्रोफोन लगा होता था और उसका स्पीकर गुफा में था। बाबा सारी बातें वहीं सुनता था और जब लड़की पिता जी-पिता जी पुकारती थी, तो बाबा गुफा से उठकर हॉलनुमा अंधेरे कमरे का दरवाजा खोलता था तो तेज रोशनी होती थी और उसके बीच से बाबा कमरे में दाखिल होता था, इससे लगता था जैसे भगवान प्रकट हो गए हों।

गुरदास सिंह के मुताबिक इसके बाद वह लड़की को उसके अतीत के बारे में बताते हुए राम रहीम कहता था कि वह ज्ञानी है, सब कुछ जानता है। अब तुझे पाक-साफ करना है, माफी देनी है। वह लड़की को झांसे में लेते हुए कहता था कि गुरमीत तो गुफा में रह गया है और हम दोनों ब्रह्मांड में आ गए हैं और फिर वह लड़की के साथ सेक्स करता था। लड़की को विश्वास हो जाता था कि अपने अतीत से जुड़ी जो बात उसने किसी को नहीं बताई, वह सब बाबा को पता है। लड़कियां उसे इसलिए भी भगवान समझती थीं, क्योंकि लड़कियों के माता-पिता भी राम रहीम के अंधभक्त थे।

सभी पार्टियों के नेता बाबा के साथ मंच साझा कर चुके हैं

फरार हनीप्रीत के छिपे होने से जुड़े सवाल पर गुरदास सिंह ने अनुमान लगाते हुए कहा कि वह श्रीगंगानगर, संगरूर, पटियाला और लुधियाना में कहीं हो सकती है, क्योंकि यह डेरे के कट्टर समर्थक हैं, जो आज भी मानने को तैयार नहीं है कि बाबा ने साध्वियों के साथ रेप किया है। उसने अनुमान लगाया कि हनीप्रीत डेरे की राजनीतिक विंग अथवा डेरा प्रबंधन के 45 सदस्यों में से किसी के यहां छिपी हो सकती है।

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