सवाल उठे तो हिमाचल सरकार ने गायब कर दिया गंभीर मरीजों वाला कॉलम

प्रतीकात्मक तस्वीर

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर दिन जारी किए जाने वाले कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को लेकर गड़बड़ देखने को मिल रही है। हर शाम को जारी हुए वाले मीडिया बुलेटिन में कोरोना संक्रमितों की संख्या, ठीक होने वाले लोगों की संख्या, एक्टिव केसों और गंभीर मरीजों और वेंटिलेटर पर रखे मरीजों के कॉलम वाला एक टेबल जारी किया जाता था।

जब हिमाचल प्रदेश में हर रोज 10-15 मौतें हर रोज कोरोना संक्रमितों की हो रही थीं, तब भी हर रोज इस बुलेटिन में गंभीर मरीजों और वेंटिलेटर पर रखे मरीजों की संख्या के आगे जीरो लिखा रहता था। ऐसे में सवाल उठने लगे थे कि जब हर रोज यह संख्या जीरो है तो वे कौन से लोग हैं जिनकी मौत हो जा रही थी।

सवाल उठाए जाने लगे कि विभाग या तो किसी तरह आंकड़ों को छिपा रहा है या फिर डेटा देने में लापरवाही बरती जा रही है। ‘खबरनाउ’ नाम के पोर्टल ने शनिवार को ही इस संबंध में एक रिपोर्ट की थी। लेकिन जैसे ही यह मामला उठा, सरकार ने मीडिया बुलेटिन से ये दोनों कॉलम ही गायब कर दिए। आज जारी टेबल में गंभीर और बेहद गंभीर मरीजों वाला कॉलम ही गायब है।

देखें: 24 अप्रैल तक जारी मीडिया बुलेटिन, जिसमें आखिर में दो कॉलम हैं। एक है- गंभीर मरीजों की संख्या और दूसरा बेहद गंभीर हालत वाले मरीज जो वेंटिलेटर पर रखे गए हैं।

23 अप्रैल तक आखिर में गंभीर मरीजों और वेंटिलेटर पर रखे मरीजों वाला कॉलम रहता था जिसमें संख्या जीरो होती थी।

लेकिन नीचे देखिए, आज रविवार को जारी मीडिया बुलेटिन जिसमें से ये कॉलम ही गायब कर दिए गए हैं। इसकी जगह इसमें बिस्तरों की उपलब्धता वाला कॉलम शामिल किया गया है मगर अधिक जानकारी के लिए nrhmhp.gov.in पर जाने के लिए कहा गया है।

गायब हुए बुलेटिन

गंभीर मामला
इस बात के स्वाभाविक मायने या तो यह निकलते हैं कि गंभीर मरीजों को आईसीयू पर रखा ही नहीं जा रहा या फिर बुलेटिन जारी करते समय सही आंकड़े जारी करने में किसी तरह की कोताही बरती जा रही है। तीसरी वजह यह हो सकती है कि कोरोना की पुष्टि किसी की जान जाने के बाद हुई हो या दिन भर कोई ठीक रहता हो और बुलेटिन जारी करने के तुरंत बाद दम तोड़ देता हो। लेकिन हर मामले में ऐसा होता हो, यह यकीन करना मुश्किल है। इन सवालों के जवाब देने के बजाय अब इन कॉलमों को ही गायब कर दिया गया है।

इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग का कोई भी पक्ष सार्वजनिक नहीं हुआ है। जैसे ही सरकार की ओर से इसमें कुछ जवाब आएगा, इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा।

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