होशियार सिंह केस: जहर को लेकर पुलिस की जांच पर उठे सवाल

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शिमला।। शिमला के कोटखाई में हुए जघन्य अपराध के मामले में पुलिस पर उठ रहे सवालों पर भले ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश पुलिस को सक्षम बताते हुए कहते हैं कि वह हर जांच में समर्थ है, होशियार सिंह मामले में अब तक कई जांच टीमें बदलने के बावजूद मामले का खुलासा नहीं हो पाया है। पहले तो मीडिया और जनता के बीच ही पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे थे, मगर अब मामले का स्वत: संज्ञान लेने वाले हाई कोर्ट में भी पुलिस की जांच पर कई सवाल खड़े हुए हैं।

‘जहर को लेकर जांच नहीं’
शुक्रवार को होशियार सिंह केस की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की तरफ से नियुक्त न्याय मित्र (Amicus Curiae) ने पुलिस और एसआईटी की जांच पर कई सवाल खड़े किए। न्याय मित्र ने कहा कि पुलिस ने जांच में यह नहीं जोड़ा कि होशियार सिंह ने कथित तौर पर जो जहर खाया, वह आया कहां से। यह जांच नहीं की गई कि इसे किसने बेचा और किसने खरीदा।

मौत के सही समय पर उठे सवाल
यही नहीं, न्याय मित्र ने सवाल किया कि अगर 5 जून को सुबह करीब 9 बजे होशियार सिंह ने एक अध्यापक के घर दाल चावल और आलू-मटर खाए थे, तब 10 तारीख हो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी होशियार के पेट में यही चीजें पाई गईं। चूंकि मेडिकल साइंस कहती है कि खाना आमतौर पर 4 से 6 घंटों में पच जाता है, मगर जहर खाने पर यह प्रक्रिया देरी से पूरी होती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि होशियार की मौत का सही वक्त क्यों है, क्योंकिं इससे मौत की असल वजह जानने में सहायता मिलेगी।

उल्टियों को लेकर भी प्रश्न
एमिकस क्यूरी ने यह सवाल भी उठाया कि घटनास्थल पर बारिश हुई थी या नहीं, इस बारे में भी पुलिस ने कोई जांच नहीं की क्योंकि इसका कथित तौर पर होशियार सिंह द्वारा की गई उल्टियों के धुलने से इसका सीधा रिश्ता हो सकता है।

‘वन माफिया पर कार्रवाई नहीं हुई’
यही नहींं, वन माफिया पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई और न ही कोई बड़ी गिरफ्तारी हुई, जिससे की मौत की वजह पता चल सके। गौरतलब है कि होशियार सिंह की मौत के मामले में पुलिस की प्रारंभिक जांच में हत्या का मामला दर्ज किया गया था, मगर बाद में इसे यह कहते हुए आत्महत्या के मामले में तब्दील कर दिया गया था कि होशियार सिंह के सुसाइड नोट मिले हैं। मगर पुलिस यह बताने में नाकाम रही थी कि आखिर होशियार सिंह ने अगर जहर ही खाया था, तो उसका शव पेड़ पर ऊंचाई पर उल्टा कैसे लटका हुआ था। सवाल यह भी उठे थे कि इलाके में बारिश होने के बाद भी बैग में सुसाइड नोट गीले या खराब क्यों नहीं हुए थे। इन्हीं सवालों को लेकर जनता आंंदोलन भी कर चुकी है।

बता दे कि इससे पहले सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने मांग की थी कि हाईकोर्ट होशियार सिंह मौत मामले की जांच की निगरानी खुद करे। इस पर सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। सरकार ने यह भी कहा था कि अगर मामले की जांच पर कोई सवाल खड़े होते हैं तो किसी अन्य एजेंसी से जांच करवाने में उसे कोई आपत्ती नहीं होगी।

2 अगस्त को अगली सुनवाई
शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बेंच ने सभी पक्षकारों को एमिकस क्यूरी द्वारा उठाए गए सवालों और सुझावों पर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी।