हिमाचल का हर मतदाता वोट डालने से पहले इसे जरूर पढ़े

9 तारीख को जब भी आप वोट डालें, इत्मिनान से सोचें कि आप क्या करने जा रहे हैं। सत्ता और विपक्ष में रहे लोगों के कामों, बयानों, स्वभाव और आचरण को याद करें। सोचें कि उन्हें सत्ता मिलती है तो क्या वे ऐसा कुछ कर सकते हैं जो दूसरा नहीं कर सकता है। यह भी देखें कि आप जिसे विधायक चुनने जा रहे हैं, वह आपका प्रतिनिधि बनने के लायक है या नहीं। खुद से पूछें, क्या वह इतना शिक्षित या समझदार है कि बदलते वक्त को और आपकी जरूरतों या उम्मीदों की समझ रखता है; क्या वह आपकी बात दमदार तरीके से विधानसभा में उठा सकता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह मुस्कुराता ही रहे और कुछ करे ही न। सिर्फ मीठी जुबान से काम नहीं चलता। मामला रिश्तेदारी निभाने का नहीं है, जिम्मेदारी निभाने का है।

मंत्री पद ही सबकुछ नहीं होता
हमेशा ऐसी स्थिति की कल्पना करें कि उस स्थिति में आपका विधायक क्या करेगा, जब उसकी पार्टी सरकार न बना सके। अगर आपको लगता है कि उस स्थिति में वह विधायक निधि का सही इस्तेमाल कर सकता है तो उसी को चुनें। यह सोचकर अवधारणा न बनाएं कि यार, सरकार तो दूसरी पार्टी की आ रही है, इसे कैसे वोट दें। हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वोट दें। जब हर कोई ऐसा करके सिर्फ अच्छे प्रत्याशी चुनेगा तो स्वाभाविक तौर वह उसी पार्टी की सरकार बनेगी, जिसके ज्यादा प्रत्याशी अच्छे होंगे।

जिताएं ही नहीं, हराएं भी
बदलाव के लिए एक कीमत चुकानी पड़ती है। इसलिए अगर आपको इस चुनाव में उन लोगों को भी हराना पड़े, जिनका नाम बड़ा है मगर काम कुछ नहीं किया, तो उनकी जगह योग्य नए चेहरे को वोट देकर विधानसभा भेजें। सत्ता को जागीर समझ बैठे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाना भी जरूरी है।

हिमाचल ही दिखा सकता है देश को रास्ता
ये काम मुश्किल जरूर लगते हैं। मगर हिमाचल जैसे शिक्षित राज्य के जिम्मेदार लोगों से यह उम्मीद न की जाए तो किससे की जाए? इसलिए, एकजुट रहें और जाति, क्षेत्र या अन्य आधार न बंटें। इत्मिनान से सोचें और पैसा बहाने वाले, अकड़ दिखाने वाले, बातें बनाने वाले, डराने और सताने वाले लोगों के बजाय एक आदर्श प्रत्याशी को विधानसभा भेजें। जो आपकी आवाज भी उठा सके और आपका नेतृत्व भी कर सके।

निवेदक,
टीम इन हिमाचल

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