सावधान! हिमाचल में भले-चंगे लोग बनाए जा रहे हैं मरीज़

पालमपुर।। क्या हिमाचल प्रदेश में भी स्वास्थ्य माफिया है? स्वास्थ्य माफिया यानी मरीज़ों को डराकर, उनका फर्जी इलाज करके, उनसे पैसा एंठना। चौंकाने वाला मामला सामने आया है हिमाचल प्रदेश पालमपुर में। पूर्व सैनिक सूबेदार जगन्नाथ ठाकुर के साथ कुछ ऐसा हुआ, वह दिखाता है कि किस तरह से चिकित्सा के नाम पर लोगों को न सिर्फ ठगा जा रहा है बल्कि उनकी जान भी खतरे में डाली जा रही है। सेना में सेवाएं देते हुए समय बारूदी सुरंग फटने से दाई टांग खो चुके जगन्नाथ का दावा है कि ईसीएचएस होल्टा के डॉक्टरों ने उन्हें धोखे से पंजाब के एक निजी अस्पताल में भेजकर स्टेंट डलवा दिया। उनका दावा है कि इसकी जरूरत नहीं थी। ऐसे में उन्होंने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है।

 

इस मामले में सूबेदार जगन्नाथ ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के पोर्टल ‘समाचार फर्स्ट’ से बात की है। उन्हें किन हालात का सामना करना पड़ा, उन्हीं की ज़ुबानी सुनिए:

जगन्नाथ बताते हैं कि वह सर्दी जुकाम का इलाज करवाने ईसीएचएस होल्टा गए थे, मगर डॉक्टर ने ईसीडी औक एक्सरे करवाया और कहा कि दिल की गंभीर समस्या है। इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के एक अस्पताल में भेजा गया। वहां बताया गया कि हालत गंभीर है और एंजियोग्रफी करनी होगी। एंजियोग्रफी के दौरान बेटे को कहा गया कि 70 फीसदी हार्ट में ब्लॉकेज है और स्टेंट डालना होगा। मजबूरी में इसके लिए बेटे ने पैसे भी दे दिए। मगर बाद में किसी डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि वह सामान्य थे और स्टेंट की जरूरत नहीं थी। यही नहीं, पहले वह ठीक थे मगर अब उन्हें दर्द रहने लगा है।

 

यह घटना दिखाती है कि कैसे कुछ लोग आम लोगों को जानकारी न होने का फायदा उठा सकते हैं। इसलिए ‘In Himachal’ की गुजारिश है कि आंख मूंदकर किसी एक डॉक्टर की सलाह पर घबराकर कदम उठाने से पहले तुरंत ही किसी अन्य डॉक्टर से भी मशविरा कर लें। इसे ‘सेकंड ऑपिनियन’ कहा जाता है और ऐसा करना ठीक रहता है।

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