शिमला।। बीजेपी के दो दिग्गज नेता जो आपस में समधी भी हैं- पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और पूर्व लोक निर्माण मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह। बीजेपी के ये दोनों बड़े नेता आपस में रिश्तेदार हैं। प्रेम कुमार धूमल के बड़े बेटे अनुराग ठाकुर की पत्नी ठाकुर गुलाब सिंह की बेटी हैं। दोनों ही नेता प्रभावशाली हैं और दोनों के ही समर्थक जीत के दावे कर रहे हैं, मगर यह भी मान रहे हैं कि इस बार मुकाबला कड़ा जरूर है। दूसरी तरफ इन नेताओं का मुकाबला जिन प्रत्याशियों से है, वे भी अपनी जीत को लेकर इतने आश्वस्त हैं कि जश्न के लिए दावत आदि का इंतज़ाम करने में जुटे हुए हैं।
प्रेम कुमार धूमल बनाम राजिंदर राणा
दरअसल इस बार प्रेम कुमार धूमल हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला राजिंदर राणा से है। राजिंदर राणा की सुजानपुर में पकड़ मानी जाती है। भले ही बीजेपी इस सीट को आराम से जीतने का दावा कर रही है मगर जानकारों का कहना है कि राजिंदर राणा को हराना इतना मुश्किल नहीं है और वह भी प्रेम कुमार धूमल के लिए, क्योंकि वह पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रेम कुमार धूमल (बाएं) और राजिंदर राणा में टक्कर
गुलाब सिंह ठाकुर बनाम प्रकाश राणा
दूसरी तरफ उनके समधी ठाकुर गुलाब सिंह के लिए निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश राणा ने कड़ी चुनौती पेश की है। प्रकाश राणा वही निर्दलीय प्रत्याशी हैं, अखबारों में जिनकी करोड़ों की संपत्ति होने की खबरें छपी थीं और मीडिया का एक हिस्सा जिन्हें समाजसेवी बताता है। चुनाव से करीब 6 महीने पहले कई आयोजन करके, गरीब और जरूरतमंदों की ‘आर्थिक मदद’ करके राणा का माहौल ऐसा बना कि चुनाव आते-आते कांग्रेस के उम्मीदवार रेस से ही बाहर हो गए और मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार गुलाब सिंह ठाकुर और निर्दलीय उम्मीदवार राणा के बीच हो गया। चर्चा है कि राणा इस बार गुलाब सिंह ठाकुर पर भारी पड़ सकते हैं।
सुजानपुर को लेकर चर्चा तो यहां तक है और कांग्रेसी ऐसा दावा कर रहे हैं कि बीजेपी ने प्रेम कुमार धूमल को सीएम कैंडिडेट आखिर में इसलिए घोषित किया, क्योंकि उनकी स्थिति राणा के सामने खराब थी। कहा जा रहा है कि इसलिए हो सकता है कि अब वह सीएम कैंडिडेट बनने पर जीत जाएं, मगर मार्जन उतना न हो। वहीं जोगिंदर नगर में प्रकाश राणा ने ऐसा माहौल बनाया है कि बीजेपी के कुछ समर्थक जीतने का भी दावा कर रहे हैं तो ऐसे कि हम चाहे 100 वोटों से जीतेंगे मगर जीतेंगे जरूर। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुकाबला कितना कड़ा है, क्योंकि दिग्गज नेताओं के समर्थक 100-200 क्या, 1000, 2000 का भी अंदाजा लगाएं तो मतलब है कि हालत पतली है।
खास बात यह है कि दोनों ही राणे अपने जीत को लेकर आश्वस्त हैं और हजारों लोगों के लिए धाम का बंदोबस्त करने के लिए उन्होंने तैयारी कर दी है। बहरहाल, ये सब चुनावी चर्चाएं हैं। सोमवार को ही पता चलेगा कि इन अटकलों और राणों में कितना दम है।