बिलासपुर।। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं में कुछ युवाओं के बनाए वीडियो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गए हैं। वायरल हुए इन दो वीडियो में दिखता है कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के स्टोर से गेहूं को जीप में लोड किया जा रहा था। फिर युवाओं ने जब कर्मचारियों से इसके बिल दिखाने को कहा तो वे गोलमोल बातें करते दिखे। बाद में एक दुकानदार ने फंसने के डर से इन युवाओं को बातचीत में बताया कि कैसे वह लंबे समय से यहां से सामान खरीदता है। उसने कुछ और लोगों के भी नाम लिए जो इस खेल में शामिल हैं। यह सब बातचीत मोबाइल में रिकॉर्ड हो गई। मगर अब इन युवकों को टारगेट किए जाने की खबर भी सामने आई है।
घुमारवीं: राशन की चोरी वीडियो में कैद, करोड़ों के घोटाले की आशंका
सोशल मीडिया में लोग तो दुकानदार के कन्फेशन वाले वीडियो को शेयर करते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग कर ही रहे थे, अब इस कांग्रेस भी इस मामले में सक्रिय हो गई है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से मामले की न्यायिक जांच करवाने की मांग की है। घुमारवीं के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इस घटना को बड़ा घोटाला बताते हुए आपोप लगाया कि इसमें कुछ हाई प्रोफाइल चेहरे और बीजेपी नेताओं के चहेते भी शामिल हैं।
क्या है मामला
इस घटना के दो वीडियो हैं। इस मामले में विसलब्लोअर है एक युवक जिसने इस वीडियो के संबंध में सबसे पहले पत्रकारों को जानकारी दी थी। उनका कहना था कि जब वह दोस्तों के साथ घुमारवीं के चैहड़ में नागरिक आपूर्ति निगम के स्टोर के पास से गुजर रहे थे, तब उन्होंने देखा कि पट्टा में दुकान करने वाले शख्स की जीप यहां पर खड़ी थी। रमेश महाजन नाम का यह शख़्स स्टोर के कर्मचारियों से कह रहा था कि उसने तीन दिन पहले पैसे दिए हैं और अब हर हाल में माल चाहिए। इसपर उन्हें शक हुआ। देखते ही देखते स्टोर से जीप में 20 क्विंटल गेहूं के बोरे लोड कर दिए गए।
इन युवाओं ने सामान लोड कर रहे व्यापारी और कर्मचारियों से कहा कि बिल दिखाएं मगर वे बिल नहीं दिखा पाए। जब युवाओं ने पूछा कि राशन कहां के लिए जा रहा है तो वे लोग कभी वे डंगार का नाम लेने लगे तो कभी लैहड़ी-सरेल डिपो का। बाद में पूछताछ से परेशान दुकानदार ने यह कहना शुरू कर दिया कि वह ही नहीं, और लोग भी हैं जो इसी तरह से सामान उठाते हैं। उसने बताया कि वह लंबे समय से स्टोर में तैनात कर्मचारियों को पैसे देकर सामान खरीदता है। उसने और लोगों के नाम भी लिए और आरोप लगाया कि वे भी ऐसा ही करते हैं।
तीन लोगों पर लगाए आरोप
वायरल वीडियो में दिखता है कि दुकानदार ने तीन लोगों के नाम लिए। पहला नाम घुमारवीं शहर में किराने की दुकान चलाने वाले जगरनाथ शर्मा का है जो स्थानीय विधायक के रिश्तेदार हैं। दूसरा नाम महेंद्र पाल रतवान का है जो बीजेपी के मीडिया प्रभारी और जिला बिलासपुर फेडरेशन के चेयरमैन व घुमारवीं कॉलेज की एसएमसी के प्रधान हैं। तीसरा नाम हरिजन सहरकारी सभा हारकुकाहर के सचिव रमेश कुमार का है। फंसे हुए दुकानदार ने इन सभी के नाम लिए हैं।
ध्यान देने की बात यह है कि ये नाम उस शख्स ने लिए हैं, जो खुद गलत काम करता हुआ पकड़ा गया है और उसने खुद माना है कि वह गलत काम में शामिल है। ऐसे में इस शख्स की बात पर आंखें मूंदकर तो यकीन नहीं किया जा सकता। बेहतर होता कि वीडियो सामने आने के बाद तुरंत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और पुलिस महकमा हरकत में आकर तुरंत जांच करते। मगर अब तक इस मामले में कोई प्रगति नहीं हो पाई है। अब जांच होती है तो भी यह आशंका है कि इस खेल में शामिल रहे लोगों ने बिलों आदि का जुगाड़ करके अपने बचने की व्यवस्था कर ली होगी।
पूरे प्रदेश में चल रहा है किसान
मगर यह वीडियो और इसमें दिखने वाले शख्स की स्वीकारोक्ति दिखाती है कि इस तरह का खेल कैसे चल रहा है। ऐसे में प्रदेश के अन्य हिस्सों के स्टोरों में भी ऐसा खेल न चल रहा हो, ऐसा नहीं माना जा सकता। अक्सर लोगों को तय तारीख के बाद डिपो होल्डर राशन देने से इनकार कर देते हैं। वे बचे हुए राशन को कहां बेचते हैं, यह तो जांच का विषय है ही, बड़े स्टोरों से भी राशन कहां जाता है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
सरकार हर साल करोड़ों रुपये की सब्सिडी देकर जरूरतमंद लोगों को सस्ती दरों पर राशन मुहैया करवाती है लेकिन सोचिए, आपके पैसे से दी जा रही सब्सिडी और इससे खरीदा जाने वाला राशन किन लोगों के घर भर रहा है। अफसोस, सरकार अब तक खामोश है।