शिमला।। अगर आपने शिमला रेप ऐंड मर्डर केस की विक्टिम ‘गुड़िया’ का असली नाम या उसकी तस्वीर शेयर की है तो उसे तुरंत हटा दें वरना आपके ऊपर कार्रवाई हो सकती है। In Himachal शुरू से ही पाठकों से अपील करता रहा है कि किसी भी सूरत में पीड़िता की तस्वीर या नाम को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और न ही कुछ ऐसी जानकारी दी जा सकती है जिससे उसकी पहचान उजागर हो। मगर सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर हुए प्रदर्शनों तक में गुड़िया की तस्वीर और उसके असली नाम को इस्तेमाल कर दिया गया। हद तो तब हो गई जब प्रदेश सरकार ने गुड़िया के गांव के स्कूल का नाम उसके असली नाम पर रखने का ऐलान करते हुए उसकी पहचान जारी कर दी।
पाठकों को बता दें कि POCSO ऐक्ट 23 और जुवेनाइल ऐक्ट के तहत इस तरह से पहचान को उजागर करना अपराध है। अगर इस तरह से विक्टिम या उसके परिजनों की पहचान उजागर की जाती है तो इसमें 6 महीने से लेकर 2 साल तक की सजा हो सकती है।
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अब इस मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग कार्रवाई करने की बात कर रहा है। आयोग का कहना है कि ऐसे यूजर्स और संगठनों पर वह खुद नजर रख रहा है और एसपी शिमला को भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आयोग अब इस मामले में हाई कोर्ट जाने की तैयारी में भी है।
गौरतलब है कि कुछ लोगों ने विक्टिम की वीभत्स तस्वीरें भी शेयर की थीं। बाद में कुछ लोगों ने गुड़िया की तस्वीरों के प्रिंट निकाले और शिमला रिज मैदान पर उसे रख दिया। यही नहीं, लोगों ने बैनर भी बनाए और उसके असली नाम को जाहिर करते हुए नारे भी लिखे। कुछ लोगों ने Try it के जरिए फ्रेम बनाए हैं जिसमें फेसबुक पर लोगों की प्रोफाइल पिक्चर पर जस्टिस फॉर गुडिया मेसेज के साथ उसकी तस्वीर आती है। शिमला बीजेपी के नेता और भाजयुमो के सोशल मीडिया के प्रभारी ने अपनी टाइमलाइन पर कुछ वीडियो शेयर किए थे और उनमें भी गुड़िया की तस्वीर नजर आ रही थी।
ऊपर बताए गए सभी तरीके कानून अपराध हैं। राज्य बाल संरक्षण आयोग और जुवेनाइल जस्टिस के पदाधिकारियों ने अपील की है कि आम जनता, राजनीतिक दल और संगठन किसी भी तरीके से गुड़िया की तस्वीर इस्तेमाल करने से बचें। अगर किसी ने ऐसा किया है तो तुरंत हटा दें वरना आयोग कानूनी कार्रवाई करेगा।