हिमाचल में बिना आकलन किए खोल दिए 17 निजी विश्वविद्यालय: CAG रिपोर्ट

शिमला।। सीएजी की रिपोर्ट में साफ हुआ है कि हिमाचल प्रदेश में 17 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ को यह देखे बिना ही स्थापित कर दिया गया है कि इनकी कितनी आवश्यकता थी। और तो और 10 यूनिवर्सिटीज़ एक ही जिले में हैं और चार तो एक ही ग्राम पंचायत में।

सीएजी ने लिखा है कि इससे लगता है कि इन्हें इलाके की जरूरतों या प्राथमिकताओं पर ध्यान में रखे बिना ही स्थापित कर दिया गया है। बता दें कि ‘इन हिमाचल’ भी इस मुद्दे को उठाता रहा है।

बुधवार को विधानसभा में रखी गई रिपोर्ट में और भी जानकारियां सामने आई हैं कि कैसे सरकारों कि ढलाई के कारण पाठ्यक्रमों से लेकर अन्य कई बातों में क्वॉलिटी और पारदर्शिता नहीं रही। जैसे कि निजी शिक्षण संस्थानों पर नजर रखने के लिए बनाए गए हिमाचल प्रदेश शिक्षण संस्थान नियायम आयोग में स्टाफ की कमी रही। इसका प्रभाव यह पड़ा कि निजी संस्थानों का समय पर निरीक्षण नहीं हुआ।

सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि साल 2011 से 2017 तक नियामक आयोग ने बिना निरीक्षण ही 1394 कोर्सों को स्वीकृति दे दी और यह भी नहीं देखा गया कि उन विश्वविद्यालयों के पास उस कोर्स के लायक स्टाफ और इन्फ्रास्ट्रक्चर है भी या नहीं।

यही नहीं, यह भी पता चला कि तीन निजी विश्वविद्यालयों ने 2017-18 अकैडमिक सेशन के लिए इससे पिछले सत्र की तुलना में 21 से 58 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी और उसके पीछे कोई लॉजिक भी नहीं दिया कि ऐसा क्यों किया जा रहा है।

कुछ यूनिवर्सिटीज़ ने डिवेलपमेंट चार्ज के नाम पर गलत ढंग से वसूली की। कुछ ने तो पासआउट छात्रों की सिक्यॉरिटी भी वापस नहीं की। यह रकम लगभग आठ करोड़ रुपये बनती है।

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