बीजेपी के प्रदर्शन को लोगों ने बताया राजनीति, धूमल के वीडियो की आलोचना

शिमला।। शिमला के कोटखाई में हुई वारदात को लेकर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए तो बीजेपी भी सक्रिय हुई और उसने शिमला बंद का आह्वान कर दिया। बीजेपी द्वारा जगह-जगह किए गए और अब भी किए जा रहे प्रदर्शनों को जनता ने ‘राजनीति’ करार देना शुरू कर दिया है। इस मामले में लोगों ने जहां सरकार को निशाने पर लिया, वहीं विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। जनता के गुस्से के निशाने पर मुख्यमत्री वीरभद्र सिंह के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल हैं। धूमल ने हमीरपुर से एक वीडियो शेयर किया था जिसे लेकर उन्हें जबरदस्त आलोचना का सामना करना पड़ा।

 

बीजेपी नेता प्रेम कुमार धूमल के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर एक वीडियो डाला गया है जिसमें वह नारे लगाते नजर आ रहे हैं। नारों की शुरुआत कुछ इस तरह से होती है- गुड़िया हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं। इसके बाद वीरभद्र सिंह इस्तीफा दो और हम क्या चाहते- इंसाफ के नारे लगे। आगे नारा लगता है- जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा।

इस वीडियो पर नजर डालें तो टॉप कॉमेंट्स में दूर-दूर तक समर्थन वाला कॉमेंट नहीं दिखता। अधिकतर लोगों ने आलोचना की है और कहा है कि इस मामले में राजनीति न की जाए। एक यूजर ने लिखा है कि आप सीएम होते तो क्या करते। एक अन्य ने लिखा है कि मैं बीजेपी का समर्थन करता हूं मगर यह गलत है। आगे एक यूजर ने लिखा है- धूमल जी शर्मिंदा तो आफ लोग हैं, आप कॉलेज के लड़के नहीं हो कि ऐसे नारे लगा रहे हो।

इस वीडियो पर आए कुछ कॉमेंट्स इस तरह से हैं-

इस मामले में अन्य टिप्पणियों को आप वीडियो पर जाकर पढ़ सकते हैं। बहरहाल, बीजेपी पर राजनीति करने के आरोप तेज हो गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पार्टी की तरफ से 20 तारीख को शिमला बंद का आयोजन हो गया था और अब सीबीआई ने भी मामला संभाल लिया है तो उसके बाद भी प्रदर्शनों का क्या मतलब है। गौरतलब है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक राजीव बिंदल नाहन में डीसी ऑफिस में घुसकर भाषण देने के बाद वहीं धरने पर बैठ गए तो पालमपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं पर बस चालक को पीटने का आरोप लगा है। वहीं प्रदर्शन के दौरान एक पार्षद पर सचिवालय पर पथराव करने का आरोप भी लगा है।

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