अरुण धूमल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र और वनमंत्री भरमौरी पर लगाए संगीन आरोप

0

सोलन।। प्रदेश सरकार पर अक्सर आरोप लगाने के लिए पहचाने जाने वाले बीजेपी नेता अरुण धूमल ने इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी पर हमला बोला है। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटे अरुण ने सोलन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि सोलन के कंडाघाट में हुई करोड़ों की डील में धांधली हुई है और उसमें वन विभाग की बड़ी भूमिका है। पीड़ित NRI ने FIR में इस बात का भी जिक्र किया है कि आरोपी की रसूख हिमाचल सरकार में इस कदर है कि उसके खिलाफ वहां शिकायत भी दर्ज नहीं हो पा रही थी। अरुण धूमल का कहना है कि पुलिस को दिए स्टेटमेंट में आरोपी ओपी शर्मा ने माना है कि उसने जमीन को सेक्शन 118 के दायरे में लाने के लिए वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के जरिए 56 लाख रुपये मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को दिए। वहीं वन मंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया है।

अरुण धूमल ने बीते दिन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर सोलन जिला के कंडाघाट में जमीन के सौदे में हुए 23 करोड़ रुपए के लेन-देन में गोलमाल का आरोप लगाया था। मगर शुक्रवार को उन्होंने इस मामले में सीएम के साथ वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी और उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया पर भी भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। अरुण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कंडाघाट में जमीन का सौदा हुआ था, जिसकी कीमत महज 3 करोड़ थी लेकिन उसे धोखे से 23 करोड़ रुपए में बेचने की कोशिश की गई। इस डील में मुख्यमंत्री भी अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि एन.आर.आई. खरीददार को जब इस गोलमाल का पता चला तो उसने मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है।

अरुण धूमल द्वारा मीडिया को दी गई ‘FIR की कॉपी’

अरुण ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद फरीदाबाद थाना में केस दर्ज किया गया है। मामले के आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उसने स्टीव बेदी से एक करोड़ बीस लाख रुपये लिए थे। जिसमें से 70 लाख रुपये उसका मार्च-2014 से अप्रैल 2015 तक का वेतन था, जो पांच लाख रुपये प्रतिमाह तय था। जबकि 56 लाख रुपये उसने इस कार्य के एवज में रिश्वत के तौर पर दिए थे। बताया जा रहा है कि यह रकम वनमंत्री के माध्यम से सीएम के नाम पर दी गई। अरुण धूमल का कहना है कि मेरे पास इस बात के प्रमाण हैं कि वन विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री तक धनराशि पहुंचती रही है।

अरुण धूमल द्वारा मीडिया को दी गई ‘FIR की कॉपी’

आरोप लगाते हुए अरुण ने कहा कि फरीदाबाद में हुई एफआईआर में पीड़ित ने आरोपी पर हिमाचल की राजनीति में कनेक्शन और मुख्यमंत्री के साथ संबंध की बात कही है। इसके अलावा मामले का मुख्य आरोपी कई बार मुख्यमंत्री और वनमंत्री के साथ नजर आया है। जिसके फोटो भी अरुण धूमल ने मीडिया के सामने उजागर किए, जिसमें मामले का आरोपी गिफ्ट देते हुए नजर आ रहा है।

वनमंत्री ने आरोपों को बताया निराधार
वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने ऐसी किसी भी तरह की सौदेबाजी की जानकारी होने से इनकार किया है। अमर उजाला अखबार के मुताबिक भरमौरी ने कहा कि धूमल परिवार की राजनीतिक साख खतरे में है, जिसे बचाने के लिए वे किसी पर भी आरोप लगा देते हैं। जमीनों की खरीद-फरोख्त पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समय में हुई है और वन विभाग की कई बीघा जमीन भाजपा अपने चहेतों में बांट चुकी है। वनमंत्री के अनुसार ऐसे आरोपों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लोग जानते हैं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और मेरी छवि बेदाग है।