बिलासपुर में घटी बस दुर्घटना ने त्योहारों के इस सीजन में बिलासपुर के कई गांवों को गम के अंधेरे में डुबो दिया। घटनास्थल पर चीख-पुकार का आलम था। ऑफिस जाने के लिए निकले लोग, स्कूल-कॉलेज के लिए निकले छात्र और भी न जाने कितने लोग उस अभागी बस में सवार थे, जो गोविन्द सागर में समा गई।
जैसे ही प्रशासन को इस बात का पता चला, पूरा सरकारी अमला घटना स्थल पर पहुंच गया। जहां पर बस गिरी थी, वह कोई गहरी खाई नहीं थी, लेकिन पानी में गिर जाने की वजह से लोग बाहर नहीं निकल सके। नावों का सहारा लेकर पहले बस को पानी में टटोला गया और फिर क्रेन फंसाकर उसे बाहर निकाला गया।
दाएं कपड़े उतारकर बैठे बिसापुर के एमएलए बम्बर ठाकुर |
इसी बीच बिलासपुर के स्थानीय विधयक बंबर ठाकुर वहां पहुंचे। खुद को किनारे पर खड़े होकर राहत कार्यों का जायजा लेते महसूस कर वह बेचैन दिखे। वह खुद को रोक नहीं पाए और तुरंत कपड़े उतारकर इस कार्य में जुट गए। बंबर ठाकुर नाव में बैठ कर गहरे पानी में शाम तक लाशों को ढूंढने में मदद करते रहे। विधायक का यह जज्बा क्षेत्र की जनता के लिए चर्चा का विषय रहा।
यह हादसा यूं तो साथ लगते घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में हुआ, लेकिन बम्बर ठाकुर का पैतृक निवास भी हादसे के साथ लगते गावं में है। बम्बर ठाकुर की छवि एक दबंग और आम नेता की मानी जाती है। गोविन्द सागर के किनारे गांव होने के कारन उन्हें झील में तैराकी का भी काफी अनुभव है। विधायक बनने से पहले भी वह जनहित के कार्यों में हमेशा उत्सुक रहते थे। कुछ समय पहले हुए बंदला बस हादसे में भी उन्होंने लोगों की मदद को हाथ बढ़ाए थे। एक विधायक का यह जज्बा वाकई काबिले तारीफ़ है।