Disclaimer: यह पूरी तरह से काल्पनिक बात है और इसे सिर्फ मनोरंजन और व्यंग्य (Satire) के लिए हल्के-फुल्के अंदाज में लिखा गया है। इसे लिखने का मकसद किसी की छवि या भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है। उम्मीद है इसे इसी रूप में पढ़ा जाएगा।
खादू राम, मंडी।। हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश के 50 गांवों को गड्ढों से जोड़ने जा रही है, वहीं पहले के कई सारे गड्ढों को नालों में अपग्रेड किया जाएगा। इस बात का ऐलान प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंडी में फ्लाणा शहर और ढिमकाणा गांव के बीच बने गड्ढों का उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि गड्ढों और नालों के निर्माण के लिए बजट भी जारी कर दिया गया है।
उद्घाटन समारोह में आई भीड़ उस वक्त हैरान रह गई, जब उसे गड्ढों के बजाय समतल और पक्की सड़क नजर आई। लोगों की चिंता को भांपते हुए मुख्यमंत्री ने चिर-परिचित अंदाज में मंच से कहा, ‘जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। पीडब्ल्यूडी विभाग मेरे पास है और मैं पहले भी बता चुका हूं कि इसके सारे अफसर करप्ट हैं। इसलिए कुछ ही दिनों से ये सड़क उखड़ जाएगी और आपको गड्ढे नजर आने लगेंगे।’
मुख्यमंत्री से यह आश्वासन सुनकर लोगों की जान में जान आई, जो आजकल प्रदेश में पक्की सड़कों को देखकर घबरा जाते है। दरअसल प्रदेश में जहां जाओ, वहां पर सड़कों के बजाय गड्ढों का आलम नजर आने लगा है। बरसात में तो कई एनएच नालों में तब्दील हो जाते हैं। ऐसे में कहीं पर पक्की और ठीक सड़क देखना कौतूहल का विषय बन जाता है और एक नई बात हो जाती है।
इस दौरान मौके पर मौजूद रहे पीडब्ल्यूडी के एक्सईन जोंढा राम ने कहा, ‘हम समझ रहे हैं कि लोगों को यहां पर पक्की सड़क देखकर हैरानी हो रही है। मगर मैं विश्वास दिलाता हूं कि न तो हमारे विभाग की तरफ से किसी इंजिनियर ने सड़क का मुआयना किया है और न ही निर्माण सामग्री की चेकिंग की है। ठेकेदार से हमने पहले ही पैसे ले लिए थे। इसलिए घटिया निर्माण सामग्री कुछ ही दिनों में उखड़ने लगेगी और बरसात आने पर लोग चिर-परिचित गड्ढों पर गाड़ियां चला रहे होंगे।’
मौके पर स्थानीय विधायक ने मीडिया को बताया, ‘देखिए, हमारी तो मांग थी कि यहां पर गड्ढों के बजाय नाला बनाया जाए। मगर फंड की कमी होने की वजह से हम सिर्फ गड्ढों की ही व्यवस्था कर पाए हैं। केंद्र की तरफ से भी मदद नहीं मिल रही है, फिर भी हमने अपने स्तर पर कई इलाकों में पिछले साढ़े 3 सालों में गड्ढों की कोई मेनटेनेंस न करके उन्हें नाले में तब्दील किया है।’
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