शिमला।। कांग्रेस नेता और पूर्व सीपीएस नीरज भारती यूँ तो अभद्र और अश्लील टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहते हैं मगर इस बार मामला अलग है। लंबे समय से वह फ़ेसबुक पर की गई टिप्पणियों आदि को लेकर ख़बरों में रहते हैं और विवादों के सिलसिले में उन्हें थानों के चक्कर भी लगाने पड़े हैं। मगर इस बार मामला ‘राजद्रोह’ से जुड़ा हुआ है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक मुठभेड़ में भारतीय जवानों के शहीद होने की ख़बर आने के बाद नीरज भारती ने फ़ेसबुक पर जो प्रतिक्रिया दी थी, उसी को लेकर उन्हें इस बार जेल में रहना पड़ा। शुक्रवार को उनकी गिरफ़्तारी हुई थी और शनिवार को कोर्ट ने उन्हें चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
दरअसल 18 जून को नीरज भारती ने आरोप लगाया था कि ‘बिहार रेजिमेंट को बिहार में चुनावों को देखते हुए चीन बॉर्डर पर लगाया था और फिर उन्हें शातिर तरीक़े से मरवा दिया गया ताकि राष्ट्रवादी माहौल बनाया जा सके।’ भारती का कहना था कि ‘चीन बॉर्डर पर कभी खून खराबा नहीं होता और इस बार भी चीन ने कुछ नहीं ंकिया होगा।’
नीरज भारती ने पुलवामा हमले का भी ज़िक्र किया था। उन्होंने क्या लिखा था, यथावत पढ़ें-
“मुझे पूरा यकीन है कि बिहार में चुनावों को देखते हुए बिहार रेजिमेंट चाइना बॉर्डर पर लगाई गई और जानबूझ कर बिहार रेजिमेंट के जवानों को किसी शातिर तरीके से मरवाया गया है ताकि बिहार चुनावों में राष्ट्रवादी माहौल बनाया जा सके, क्योंकि चाइना बॉर्डर पर कभी खून खराबा होता ही नहीं है और इस बार भी चाइना ने कुछ नहीं किया होगा बल्कि जैसे पुलवामा में पूरी सख्ती होने के बावजूद एक कार जवानों के काफिले में घुस गई थी और बहुत से जवान मारे गए थे वैसे ही किसी चाल के तहत इस बार भी बिहार रेजिमेंट के और साथ में कुछ पंजाब रेजिमेंट के जवानों को मरवाया गया है….. पर अक्ल के अंधे अंधभक्तों को ये बात समझ नहीं आएगी..”
मुझे पूरा यकीन है कि बिहार में चुनावों को देखते हुए बिहार रेजिमेंट चाइना बॉर्डर पर लगाई गई और जानबूझ कर बिहार रेजिमेंट…
Posted by Neeraj Bharti on Thursday, June 18, 2020
फिर दोहराई बात
इस पोस्ट को लेकर उनके ऊपर एफआईआर हुई। एफआईआर होने की ख़बरों को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि वह अपनी बात पर क़ायम हैं। 21 जून को उन्होंने फिर एक पोस्ट डालकर कहा कि उनकी ’18 जून वाली पोस्ट सच्ची साबित हुई।’ उन्होंने जो लिखा है, उसे हम यथावत आगे दे रहे हैं-
“18 जून की मेरी पोस्ट सच साबित हुई है, खुद पढ़ लीजिए कैसे बिहार रेजिमेंट का नाम ले कर अब ये मोदी मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है, क्योंकि आने वाले समय में बिहार में चुनाव हैं और बिहार रेजिमेंट के ही शहीद हुए जवानों के नाम पर अब ये वोट मांगेगा, और सबसे बड़ी बात ये कि इसने सिर्फ चुनावों को देखते हुए बिहार रेजिमेंट का ही नाम लिया बाकी जो दूसरी रेजिमेंट के जवान शहीद हुए उनके लिए एक शब्द तक नहीं कहा जैसे कि पंजाब रेजिमेंट के भी 3 जवान शहीद हुए हैं और उनमें से एक हिमाचल के हमीरपुर से संबंधित थे शहीद अंकुश ठाकुर, और भी दूसरी रेजिमेंट के जवान थे उनका भी नाम तक नहीं लिया।
शहीद होने वाले सैनिकों में बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु लगभग पूरे देश के सैनिक थे तो फिर भाजपा और उसका प्रधानमन्त्री कैसे सिर्फ एक राज्य के सैनिकों की शहादत पर गर्व कर सकता, क्यों….. क्योंकि बाकी जगह चुनाव नहीं है अभी इसलिए, अब बताइए सेना का और शहीदों का अपमान नीरज भारती ने किया या मोदी ने किया, लोगों अभी भी सोच समझ लो ये भाजपाई आप लोगों को कभी सेना के नाम पर तो कभी धर्म के नाम पर गुमराह कर के अपनी राजनीति चमका रहे हैं इनको कोई लेना देना नहीं है किसी से भी शहीदों से भी उनको ये खुद मरवा रहे हैं सिर्फ और सिर्फ राजनीती के लिए, इन लोगों को सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब है बाकि किसी से नहीं फिर चाहे कोई हिन्दू मुसलमान के दंगे में मरे या फिर बिना किसी कारण सरहद पर कोई शहीद होए या फिर फौजियों से भरी बस बम से उड़ जाए इनको किसी की कोई परवाह नहीं है ये सिर्फ सत्ता चाहते हैं किसी भी कीमत पर।
नीचे लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए उन 20 जवानों के नाम और उनकी रेजिमेंट के नाम भी लिख रहा हूं आप खुद पढ़ लीजिए इसने सिर्फ बिहार रेजिमेंट का नाम लिया अपने संबोधन में बाकि किसी रेजिमेंट का नहीं और मैंने भी वही बात लिखी थी जिसके लिए मुझ पर देशद्रोह का मुकदमा किया गया है क्योंकि मैंने सच्चाई लिखी थी मैंने सेना के खिलाफ या शहीद हुए सैनिकों के खिलाफ कुछ नहीं लिखा था और ना ही सेना का अपमान किया है, हां मोदी के लिए जरूर लिखता हूं और वो मैं लिखता रहूंगा ये किसी मान सम्मान के लायक है ही नहीं।
आप मेरी पोस्ट भी पढ़ सकते है इस फोटो में और बताइए मैंने सेना का क्या अपमान किया, मुझे सभी शहीद हुए जवानों का दुख भी है और फक्र भी है कि वो अपना फ़र्ज़ निभाते हुए अपने देश की सीमा पर शहीद हुए लेकिन दुख इस बात का है कि एक हरामी ने अपनी सत्ता के लिए इन जवानों को शहीद करवा दिया जबकि कई वर्षों से उस भारत चाइना बॉर्डर पर कोई खून खराबा नहीं हुआ था और लगभग 7-8 बार मैं खुद इन इलाकों में गया हूं घूमने और वहां पर तैनात अपनी सेना के जवानों के साथ रहने का भी मौका मिला है और इस बॉर्डर पर क्या कार्यवाही होती है उसको भी जानने का मौका मिला है जब भी मैं वहां गया चाहे गालवान घाटी के साथ लगती पैंगगोंग झील हो या उसके साथ का बाकी का इलाका या फिर जहां परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद मेजर शैतान सिंह पोस्ट है रजांगला में मैं वहां तक भी गया हूं जहां चीन और भारत की चौकियां बिल्कुल आपने सामने हैं।
ये सब चाइना बॉर्डर पर ही है लेकिन कभी किसी सैनिक ने नहीं कहा कि यहां कोई खून खराबा होता है यहां सिर्फ अपनी अपनी सीमा की दीवार बनाने के लिए छुटपुट धक्का मुक्की होती थी कभी चीन वाले हमारी पत्थरों से बनी दीवार गिरा देते हैं और कभी हमारे देश के सैनिक उनकी दीवार गिरा देते हैं और एक दूसरे को अपनी अपनी भाषा में गाली दे कर सब शांतिपूर्वक अपनी अपनी पोस्ट पर वापस आ जाते हैं लेकिन अब अचानक ऐसा क्या हुआ कि सेना के एक वरिष्ठ कर्नल रैंक के अधिकारी सहित हमारे 20 जवानों की जान चली गई, और वो भी तब जब देश का प्रधानमन्त्री बोल रहा है कि ना कोई हमारी सीमा में घुसा और ना किसी ने कोई पोस्ट कब्जे में की तो फिर ये 20 जवान कैसे शहीद हो गए, क्या है इसका कोई जवाब।
मुझे मुकदमे से कोई फर्क नहीं पड़ता है पहले भी कई चल रहे हैं एक और सही लेकिन अब सच्चाई लिखना और सरकार और प्रधानमन्त्री को कोसना इस देश में देशद्रोह माना जाने लगा है, लेकिन याद रखना अगर अब भी आप लोग नहीं जागे तो ये आपके ऊपर हिटलर की तरह तानाशाही करेगा और आप सिर्फ देख सुन कर चुप रहने के आलावा और कुछ नहीं कर पाओगे इसलिए अभी भी वक़्त है जाग जाओ और इस सरकार के खिलाफ खड़े हो ताकि आपकी आने वाली पीढ़ी उनको गुलाम बनाने के लिए आपको गालियां ना निकाले….. जय हिन्द…..🙏”
इसके बाद उन्होंने शहीदों के नाम शेयर किए हैं और साथ में अपनी 18 जून वाली पोस्ट का स्क्रीनशॉट और बीजेपी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया पीएम मोदी का एक बयान। नीचे देखें-
नीरज भारती ने कई पोस्ट्स में ंलिखा है कि उन्होंने ‘वाजिब सवाल’ उठाए हैं। शनिवार को कोर्ट में प्रवेश करने से पहले और निकलने के बाद उन्होंने कहा कि ‘लोकतंत्र ख़तरे में हैं और वह अपनी लड़ाई क़ानूनी तरीक़े से जारी रखेंगे।’ कुछ फ़ेसबुक पोस्ट्स में उन्होंने कहा था कि वह चाहते है कि उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जाए।
नीरज भारती ने सेना पर ऐसा क्या लिखा था कि ‘राजद्रोह’ में हुई गिरफ़्तारी