बॉर्डर पर लगी भीड़ पर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने दिए सरकार को सुझाव

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धर्मशाला।। बाहर फँसे चुनिंदा लोगों को संबंधित ज़िलों के डीसी द्वारा पास मिलने के बाद अचानक हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर के नाकों पर भीड़ जुटने लगी है। सोमवार को भी ऊना में पूरे प्रशासनिक अमले को हालात पर क़ाबू पाने में मशक़्क़त करनी पड़ी। इस बीच राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि राज्य सरकार को सही समय पर सही नीति बनाते हुए प्लैनिंग करनी चाहिए थी। उन्होंने बॉर्डर से भीड़ और अव्यवस्था के कारण कोरोना फैलने का ख़तरा कम करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं।

अपने फ़ेसबुक पेज पर काँगड़ा से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने लिखा है, “देर-सवेर ही सही सरकार ने लोगों को घर आने देने और लाने की शुरुआत कर दी है। प्रदेश बॉर्डरों पर भारी भीड़ इस कारण लग गई है। जैसा की शुरू से हम सरकार को इस दिशा में कार्य करने को कह रहे थे, अगर वह चरणबद्ध तरीक़े से काम करती तो ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती।”

आगे उन्होंने लिखा है, “फिर भी सरकार के देर सवेर फैसले का स्वागत है। कुछ सुझाव इस स्थिति से निबटने के सरकार को दिए हैं।”

क्या हैं सुझाव

  • बॉर्डर पर डेटा रिकॉर्ड और चेकिंग के लिए ज्यादा टीम भेजी जाएँ।
  • बॉर्डर ज़िलों से प्रदेश में एंट्री की मुख्य सड़कों को छोड़कर बाकी सब सड़के बंद कर दी जाएँ।
  • इसी तरह दो ज़िलों के बीच आवाजाही के लिए भी मुख्य दो-तीन सड़क खुली रहे बाकी बंद कर दी जाएँ। उदाहरण के लिए कांगड़ा के लिए दिल्ली चंडीगढ़ से आने वाले लोगों को मेहतपुर की जगह उनके जिला बॉर्डर पर चेक किया जाए। वैसे ही हमीरपुर में किया जाए। जो भी दो जिलों को जोड़ने की मुख्य सड़के हो वहीं टीम चेकिंग के लिए रहे। इससे मेहतपुर बार्डर की भीड़ कम होगी।
  • बिलासपुर बॉर्डर पर मंडी कुल्लू लाहौल स्पीति हमीरपुर वालों को एक साथ चेक न किया जाए। बिलासपुर वालों को छोड़कर बाकियों के लिए मध्य स्थानों पर जिला वाइज स्पॉट तय कर दिए जाएँ।
  • इसके साथ ही बसों में जो लोग आने हैं, उनके लिए पूरी पूरी बस के लिए अलग स्थान चिन्हित हो।
  • e-पास डेटा का चेकिंग डेटा से मिलान हो, बिना चेकिंग घर पहुँचने वालों पर सीधे FIR की जाए जाए।

आख़िर में उन्होंने लिखा है, “सरकार के साथ साथ जनता की भी जिम्मेदारी अब बनती है। जनता अधीर न हो, नियमों का पालन करे। मेडिकल टीमों और पुलिस का सहयोग करे। अनुशासन में रहे। घर पहुँचने पर सरकार द्वारा तय कवारन्टाईन अवधि का पालन करे।”

बाहर फँसे लोगों को मिलने लगे पास मगर घोषणा क्यों नहीं कर रही सरकार?