शहरी विकास मंत्री का परिवार होटल के लिए कर रहा अतिक्रमण

0

धर्मशाला।। प्रदेश में जहां गरीब लोगों को सरकारी जमीन से बाहर करने में वन विभाग और प्रशासन के अन्य अधिकारी देर नहीं लगाते, वहीं प्राइम लोकेशन पर रसूखदारों पर लग रहे अतिक्रमण के आरोपों पर सब आंख मूंदकर बैठ गए हैं।

मामला है धर्मशाला के भागसूनाग का जहां प्रदेश की शहरी विकास मंत्री के परिजनों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। सरवीण चौधरी के परिवार द्वारा ली गई ज़मीन पर नगर निगम के वार्ड नंबर 1 अप्पर भागसूनाग में बनाए जा रहे होटल को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए वन विभाग की जमीन को कब्जाने का आरोप लग रहा है।

ऐसा संभव नहीं कि अधिकारियों को इस बारे में कोई जानकारी न हो क्योंकि जिस स्थान पर इस होटल का निर्माण किया जा रहा है, उस के आसपास की सारी जमीन वन विभाग की ही लगती है। ऐसे में इलाके में चर्चा है कि होटल के नाम पर इस सरकारी जमीन को कब्जाने का काम प्रदेश की शहरी विकास मंत्री कर रही हैं।

पहले इस होटल को बनाने के लिए साथ लगते नाले को कब्जे में लिया गया और अब मुख्य रास्ता लेने के लिए नाले के दूसरी तरफ लगती जमीन पर कब्जा जमा लिया है। यही नहीं, जिस नाले पर अतिक्रमण करने का काम जारी है उस नाले में बरसात के दिनों में पानी काफी मात्रा में बहता है और नाला छोटा होने के कारण साथ लगते अन्य होटलों को भी खतरा बढ़ गया है। मगर होटल वाले कुछ कह नहीं पा रहे क्योंकि मामला खुद प्रदेश की शहरी विकास मंत्री से जुड़ा है।

पेड़ कटान को लेकर चर्चा में आई थी ये जगह
समार्ट सिटी के वॉर्ड नंबर 1 में बन रहे इस होटल की जगह पहले से ही विवादों में रही है। 2015 में इस जमीन पर पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने के बाद यह जमीन विवादों में चल रही थी। उस पेड़ कटान की जांच अब तक चल रही है। आप तस्वीरों में भी देख सकते हैं इस निर्माण के आसपास पेड़ हैं।

किसकी कितनी ज़मीन
जानकारी के अनुसार इस होटल के लिए शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी के पति व बेटे के नाम पर कुल जमीन 2 कनाल 3 मरले ली गई थी। पवन कुमार के नाम पर 1.3 मरले जबकि सरवीण चौधरी के बेटे पुरषार्थ के नाम पर 1 कनाल जमीन खरीदी गई थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या नाला उसी जमीन में आता है। हालांकि, मंत्री पर परिजनों के नाम पर अन्य जगहों में भी बड़ी मात्रा में जमीन लेने का भी आरोप है जिसपर अलग से जांच की जरूरत है।

क्या कहते है डीएफओ
इस बारे में जब विभाग के डीएफओ संजीव कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वन विभाग की जमीन अगर संबंधित होटल के आसपास पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लेकिन उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।

क्या कहते है मेयर
इस बारे में नगर निगम के मेयर देवेन्द्र जग्गी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में यह मामला नहीं है और जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है।