नई दिल्ली।। देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गई। यह पिछले सात सालों का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल- जून अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 प्रतिशत पर रही थी। एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी। जबकि इससे पिछली तिमाही की यदि बात की जाये तो जनवरी से मार्च 2019 की तिमाही में वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
सरकार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ इस तरह की गिरावट की आशंका जता रहे थे। भारतीय रिजर्व बैंक ने जून में हुई मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही केन्द्रीय बैंक ने कुल मांग बढ़ाकर वृद्धि चिंताओं से निपटने पर जोर दिया था।
केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर के 5.8 प्रतिशत से 6.6 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 7.3 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 की अप्रैल-जून अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही है जो पिछले 27 साल में सबसे कम रही।