मंत्री की जगह बेटे ने किया सड़क का भूमिपूजन, हो रही है आलोचना

0

मंडी।। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के धर्मपुर में स्थानीय विधायक और आईपीएच मिनिस्टर महेंद्र सिंह ठाकुर की जगह उनके बेटे ने सड़क का शिलान्यास कर दिया। यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कमलाह के मझयार गांव के लिए बनने वाली सड़क का शिलान्यास महेंद्र ठाकुर को करना था मगर उनके बेटे रजत ठाकुर ने ही सारी औपचारिकताएं पूरी कीं।

शिलान्यास और भूमि पूजन समारोह के लिए लगी पट्टिका में आईपीएच मंत्री का ही नाम लिखा था। मगर रजत ठाकुर ने वहां पर भूमि पूजन किया। सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं मौके पर मौजूद अधिकारियों पर। जिस दौरान यह सब हुआ, उस दौरान पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी वहां मौजूद थे। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अखबारों की कटिंग्स सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मंत्री का परिवार भी मंत्री हो जाता है।

आरोप और भी
जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने इस मामले को उठाते हुए आरोप लगाया है कि लोकतंत्र में राजतंत्र जैसा काम किया जा राह है। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मपुर में मंत्री की जगह उनके बेटे और बेटी ही अधिकतर कार्यक्रमों में मुख्त अतिथि की भूमिका निभा रहे हैं जबकि वे न तो सरकारी पद पर हैं और न ही जन प्रतिनिधि। उनका आरोप था कि पिछले स्कूली बच्चों की खेल प्रतियोगिता से लेकर कृषि जागरूकता शिविर में भी महेंद्र सिंह के बेटे की मुख्यातिथि थे।

पढ़ें- मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे पर खनन का आरोप लगाने वाले पर केस

विवादों में रहे हैं महेंद्र
महेंद्र सिंह ठाकुर की कार्यशैली को लेकर सवाल उठते रहे हैं। ताजा मामला पिछले साल का है जब आरोप लगा था कि आईपीएच मंत्री अपने इलाके के लोगों को नौकरी में मदद करने के लिए बाकायदा चिट्ठी भेज रहे हैं। इससे सवाल उठा था कि अगर मंत्री इस तरह से करेंगे तो नौकरियां देने में निष्पक्षता कहां से रहेगी। 20 जून 2018 को दैनिक भास्कर ने बाकायदा लेटर के साथ खबर छापी थी।

राज्य के आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने अपने निर्वाचन हलके के एक युवक पत्र लिखकर अपने ही विभाग के बोर्ड में 20 जून तक आवेदन करने को कहा था। यही नहीं, मंत्री ने पत्र के साथ आवेदन फार्म भी भेजा था। आगे यह भी लिखा था कि यदि प्रार्थी के पास पोस्ट की पात्रता के लिए तय न्यूनतम अनुभव नहीं है आैर हासिल करने में दिक्कत आए तो इसे दूर किया जाएगा।

परिवार पर भी आरोप
इसके अलावा सोशल मीडिया एक तस्वीर वायरल होने के बाद एक खबर सोशल मीडिया में छाई रही थी कि बागवानी निदेशक के नाम पर पंजीकृत सरकारी इनोवो क्रिस्टा को मंत्री की बेटी इस्तेमाल करती दिखी।

एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर के अनुसार सूबे के तेजतर्रार मंत्री की बेटी ने कथित तौर पर सरकारी वाहन (एचपी 63डी-0001) में सहेलियों के साथ घूमने के दौरान फोटो क्लिक करवाया था।

वाहन की रजिस्ट्रेशन डीटेल्स

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में धर्मपुर निवासी रमेश चंद ने चुनाव से पहले दिए जाने वाले हलफनामों के आधर पर याचिका डाली है कि यहां के विधायक और जयराम सरकार में बागवानी एवं आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की पत्नी गृहिणी हैं और 2012 में उनके पास पैन कार्ड तक नहीं था। लेकिन इस बार उनकी संपत्ति 7.68 करोड़ दिखाई गई है। सवाल पूछा गया है कि पांच साल में उनके गृहिणी होते हुए यह संपत्ति एकाएक कैसे आ गई।

गौरतलब है कि महेंद्र सिंह ठाकुर की पत्नी के नाम पर मनाली के रांगड़ी में एक होटल भी है। एनजीटी के आदेश के बाद जांच में यहां पाया गया था कि टीसीपी और अन्य निर्माण नियमों का उल्लंघन किया गया है। इस कारण होटल का बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया गया था। बाद में खबर आई थी कि अवैध हिस्से पर खुद ही हथौड़ा चला दिया गया था।

प्रदेश में इस तरह से 1700 होटलों में अनियमितताएं पाई गई थीं और फिर जयराम सरकार ने इन होटलों को राहत देने की बात कही थी। उस समय विपक्ष ने आरोप लगाया था और ऐसी खबरें भी आई थीं कि सरकार में बैठे बड़े नेता के रिश्तेदार के होटल फंसने के कारण ही सरकार नियमों में बदलाव कर रही है ताकि उन्हें राहत दे सके। बाद में नियमों में बदलाव करके यह राहत राज्य सरकार ने दे भी दी थी।

धर्मपुर में 423 करोड़ के मशरूम प्रॉजेक्ट पर एक्सपर्ट ने उठाए सवाल