6 और मंत्रियों के लिए SUVs खरीदेगी कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार?

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शिमला।। लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हिमाचल प्रदेश सरकार अपने मंत्रियों के लिए 34-34 लाख रुपये की छह एसयूवी खरीदने की योजना बना रही है। राज्यपाल की मर्सेडीज़ बेंज़ को 76 लाख के एग्ज़िक्यूटिव क्लास मॉडल में अपग्रेड करने की तैयारी है।

ऐसी जानकारी सामने आई है कि अभी मंत्रियों के लिए इस्तेमाल की जा रही 12 टोयोटा केमरी गाड़ियों को टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ियों से क्रमबद्ध तरीके से बदलने की तैयारी की जा रही है।

‘2 लाख किलोमीटर की लिमिट पूरी’
इस संबंध में अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि 23-23 लाख की 12 केमरी कारों को पिछली कांग्रेस सरकार ने  खरीदा था जो अब खटारा हो चुकी हैं। इस अधिकारी ने बताया है, “छह मंत्रियों ने जीएडी को लिखा है कि उन्हें एसयूवी दी जाए क्योंकि वे लग्जरी कारों के मुकाबले पहाड़ी सड़कों के लिए ठीक रहती हैं।”

मंत्रियों का कहना है कि उनकी केमरी कार सरकार द्वारा तय 2 लाख किलोमीटर के नामक को पूरा कर चुकी है और वे कच्चे रास्तों के लिए भी ठीक नहीं हैं। अख़बार के मुताबिक उनका कहना है कि वे कच्ची सड़कों से जुड़े गांवों में जाते हैं तो केमरी कारें कम ग्राउंड क्लियरेंस होने के कारण नीचे लग जाती हैं।

कौन हैं ये छह मंत्री
जिन मंत्रियों ने सरकार को इस संबंध में लिखा है, एचटी के मुताबिक वे हैं- जनजातीय मामलों के मंत्री राम लाल मार्कंडा, सामाजिक न्याय मंत्री डॉक्टर राजीव सैजल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, शही विकास मंत्री सरवीन चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर और स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार।

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अभी कैबिनेट के सामने आएगा मामला

अखबार ने लाहौल स्पीति का प्रतिनिधित्व करने वाले मार्कंडा के हवाले से लिखा है, ‘मेरे चुनावक्षेत्र के रास्ते मुश्किल हैं और लग्जरी कार उनके लिए ठीक नहीं। मैंने सरकार से कहा है कि मेरी गाड़ी को फॉर्च्यूनर से बदला जाए।’

एक अन्य अधिकारी के हवाले से एचटी ने लिखा है कि सैजल की कार पिछले दिनों कसौली दौरे के दौरान खराब हो गई थी, इसी के बाद कारों को बदलने का फैसला किया गया है।

तीन मंत्रियों को पिछली महीने मिली नई एसयूवी
इस समय मुख्यमंत्री के पास फॉर्च्यूनर है। अख़बार के अनुसार इसके अलावा परिवन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा और खाद्य मंत्री किशन कपूर को पिछले महीने ही सरकार ने एसयूवी दी थी। बता दें कि गोविंद ठाकुर ने तो जुलाई में कहा था कि जब तक परिवहन निगम का मुनाफा 100 करोड़ नहीं हो जाता, तब तक वह नई गाड़ी नहीं लेंगे। वहीं ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा को तो इस गाड़ी के अलावा बिजली बोर्ड से भी एक एंडेवर गाड़ी मिली है (खबर पढ़ें)।

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इस समय सिंचाई और जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर पिछली वीरभद्र सरकार के समय खरीदी गई फॉर्च्यूनर गाड़ियों की ही सवारी कर रहे हैं।

बता दें कि कांग्रेस सरकार के दौरान 12 केमरी कारें, मंत्रियों के लिए दो एसयूवी और वीरभद्र के काफिले के दो टोयोटा फॉर्चयूनर गाड़ियां थीं।

राज्यपाल की गाड़ी अपग्रेड होगी
राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्रधान सचिव अरुण शर्मा के हवाले से एचटी ने लिखा है कि उनकी गाड़ी 2013 में खरीदी गई थी और यह भी 2 लाख किलोमीटर चल चुकी है ऐसे में बदली जानी है। इस गाड़ी को 76 लाख रुपये की एग्जिक्यूटिव क्लास गाड़ी से रिप्लेस किए जाने का प्रस्ताव है।

इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि जीएडी ने हाल ही में इस पूरे मामले को कैबिनेट के सामने पेश किया था मगर पिछले हफ्ते हुई मीटिंग में इसपर चर्चा नहीं हुई। माना जा रहा है कि अगली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा होगी।

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