वीरभद्र सरकार में नेताओं के रिश्तेदार और बाबा बनाए गए थे स्टेट गेस्ट

शिमला।। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित महेंद्र सिंह धोनी इन दिनों एक विज्ञापन की शूटिंग के सिलसिले में शिमला आए हैं। इस दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार ने उन्हें स्टेट गेस्ट का दर्जा देते हुए उनकी सुरक्षा और पायलट (आगे चलने वाला विशेष वाहन) की सुविधा देने का फैसला किया है। इसे लेकर कांग्रेस ने  सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

यह भी तथ्य है कि महेंद्र सिंह धोनी वीआईपी हैं और उन्हें झारखंड में वाई सिक्यॉरिटी मिली हुई है। वह जहां कहीं भी जाते हैं, वहां पर उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाना जरूरी होता है। हिमाचल सरकार का कहना है कि ऐसे में वह प्रदेश में किसी भी कारण से आएं, उन्हें सुरक्षा देनी ही पड़ती। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कही पर भी यह नहीं लिखा गया है कि धोनी को और कोई सुविधा मिलेगी या उनके ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम किय जाएगा।

इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है, “जो नियम हैं उनके अनुसार धोनी को स्टेट गेस्ट का दर्जा नहीं दिया जा सकता था और सरकार ने नियमों के विपरीत ऐसा किया है। सुक्खू ने कहा कि एमएस धोनी ने देश का नाम रोशन किया है, यह सही है लेकिन यदि सरकार को इस तरह नियमों के विपरीत जाकर स्टेट गेस्ट का दर्जा देना है तो फिर सरकार स्टेट गेस्ट नियमों में बदलाव करे और नियम लागू करे।”

‘धर्मगुरुओं को भी दी थी सुविधा’
भले ही सुक्खू इस मामले में हमलावर हो रहे हैं मगर जब कुछ महीने पहले तक जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय भी कई लोगों को नियमों के खिलाफ जाकर स्टेट गेस्ट बनाया गया था। आरटीआई के तहत साल 2014 से 2016 तक के पीरियड में स्टेट गेस्ट की जानकारी मांगे जाने पर पता चला था कि कई नेताओं, उनके परिजनों, अभिनेता और धर्मगुरुओं तक सरकार ने यह सुविधा दी थी।

‘कपिल सिब्बल के परिजन भी स्टेट गेस्ट’
इस संबंध में इनाडू की रिपोर्ट के मुताबिक वीरभद्र सरकार ने कांग्रेस के नेताओं ही नहीं बल्कि उनके परिजनों तक गलत तरीके से स्टेट गेस्ट बना दिया था। इसमें लिखा गया है, “पात्र न होने के बावजूद उन्हें स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया। और तो और धर्मगुरुओं को भी स्टेट गेस्ट बनाया गया। इनमें राजा रामपाल, प्रीति जिंटा, जी.संजीवा रेड्डी, के.राजू, गिरिजा व्यास, महेंद्र जोशी आदि का नाम शामिल है। नियमों के खिलाफ जाकर कपिल सिब्बल के परिवार के सदस्यों तक को स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया।”

यही नहीं हिमाचल प्रदेश के अखबारों में समाचार की शक्ल में फर्जी विज्ञापनों के जरिए चमत्कारों का दावा करने वाले तथाकथित धर्मगुरु कुमार स्वामी को दो बार सरकारी मेहमान बनाया गया था। निरंकारी मिशन के स्व. गुरु बाबा हरदेव भी 10 दिन तक स्टेट गेस्ट बनाए गए थे। तीन दिन के लिए प्रीति जिंटा स्टेट गेस्ट रही थीं।

‘60% अपात्र स्टेट गेस्ट वीरभद्र सरकार में’
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पात्रता न रखने वाले 60% लोगों को स्टेट गेस्ट का दर्जा वीरभद्र सरकार के समय मिला था। यह दावा पीपल फॉर रेस्पान्सिव गवर्नेंस नाम की सोसाइटी द्वारा डाली गई आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर किया गया है। बता दें कि किसे स्टेट गेस्ट बनाया जा सकता है किसे नहीं, इसके लिए ‘स्टेट गेस्ट नियम 1990’ को आधार बनाया जाता है।

क्या कहते हैं नियम
हिमाचल प्रदेश में इस संबंध में बने नियम कहते हैं कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के जज, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल स्टेट गेस्ट बनने के पात्र हैं। फिर केंद्रीय आयोगों और बोर्डों के प्रेजिडेंट स्टेट गेस्ट हो सकते हैं। फिर तीसरी कैटिगरी में आधिकारिक यात्रा यानी सरकारी विभागों से जुड़े किसी काम के सिलसिले में आए वीवीआईपी और वीआईपी सरकारी मेहमान बनाए जा सकते हैं।

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