जानें, क्यों उबल रहा है मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृहक्षेत्र

एमबीएम न्यूज नेटवर्क, मंडी।। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चुनावक्षेत्र सेराज के जंजैहली में हो रहे विरोध प्रदर्शन ने शनिवार को उग्र रूप धारण कर लिया। एक बार फिर सड़क पर उतरे लोगों ने मुख्यमंत्री का पुतला जला दिया। पुलिस ने लोगों को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की, मगर वह नाकाम रही। लोगों ने जयराम और उनकी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया जिसमें पुलिसवालों को चोट आई है।

 

एसपी मंडी गुरदेव चंद शर्मा ने कहा है कि भीड़ के पीछे से किसी ने पत्थर बरसाए हैं और पुलिस इन लोगों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने सरकार, पुलिस और प्रशासन को चुनौती दी है कि कल से सराज विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत में पुतले जलाए जाएंगे और जिसमें रोकने का दम है वह अपनी पूरी ताकत लगा दे। पुलिस ने भीड़ के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया है।

क्या है मामला
यह सारा विवाद एसडीएम कार्यालय जंजैहली और उपतहसील छतरी की अधिसूचना रद्द होने के कारण पैदा हुआ है। वैसे यह फैसला हाईकोर्ट ने रद्द किया है। लोगों का कहना है कि सरकार इस पर फैसला ले सकती है मगर ले नहीं रही, ऐसे में उन्हें प्रदर्शन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

 

शुक्रवार को दो घंटों तक चक्का जाम भी किया गया था। इसे लेक पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिनमें कुछ कांग्रेसी नेता भी हैं।

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कांग्रेस सरकार के समय हुआ था फैसला
जंजैहली में कांग्रेस सरकार के समय खुले एसडीएम कार्यालय जंजैहली व उपतहसील छतरी की अधिसूचना रद कर दी है। हाईकोर्ट के फैसले से अब एसडीएम कार्यालय थुनाग शिफ्ट करने का रास्ता साफ हो गया है। एसडीएम कार्यालय कहां खुले हाईकोर्ट ने इस बात पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं दिया है। अब यह सरकार के रूख पर निर्भर है कि वह एसडीएम कार्यालय कहां खोलती है।

 

एसडीएम कार्यालय के लिए सरकार को अब नए सिरे से अधिसूचना जारी करनी होगी। कमोवेश उपतहसील छतरी के मामले में भी ऐसा ही होगा। वीरभद्र सरकार ने जंजैहली में एसडीएम कार्यालय खोलने की अधिसूचना 27 जून 2006 व छतरी में उपतहसील की 21 अप्रैल 2016 को जारी की थी।

 

याचिका में दिए गए थे ये तर्क
क्षेत्र की जनता ने उस समय एसडीएम कार्यालय थुनाग में खोलने की वकालत की थी, लेकिन वीरभद्र सरकार ने लोगों की मांग को अनदेखा कर दिया था। लोगों का तर्क था कि थुनाग में पहले से तहसील मुख्यालय है। एसडीएम कार्यालय तहसील मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूर खोला गया है। ऐसे में लोगों को राजस्व से संबंधित कार्यालयों के लिए थुनाग व जंजैहली के चक्कर काटने पड़े। इससे समय व धन दोनों की बर्बादी होगी।

 

याचिका में थुनाग पंचायत की तरफ से दलील दी गई थी कि थुनाग तहसील में 19 पटवार सर्कल आते हैं। थुनाग कस्बा सराज हलके के मध्यम में स्थित है। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों व जिला परिषद सदस्यों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से थुनाग में एसडीएम कार्यालय स्थापित करने की मांग की थी। उसे भी दरकिनार किया गया। भौगोलिक दृष्टि से एसडीएम कार्यालय के लिए जंजैहली उपयुक्त नहीं था। सर्दी में यहां बर्फवारी होती है। इससे एसडीएम मुख्यालय पहुंचना लोगों के लिए संभव नहीं होगा।

याचिका की सुनवाई कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने की। ग्राम पंचायत थुनाग की याचिका को मंजूर करते हुए खंडपीठ ने पूर्व सरकार के समय जंजैहली में एसडीएम व छतरी में उपतहसील खोलने की अधिसूचना को रद कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी थुनाग कस्बे में एसडीएम कार्यालय खोलने की हिमायती थे।

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