रसूखदारों से कब्जे नहीं छुड़ा पाई सरकार, हाई कोर्ट ने सेना को सौंपा जिम्मा

शिमला।। वन भूमि पर किए गए अवैध कब्जों को हटाने को लेकर चल रहे अभियान में रसूखदार लोगों से कब्जे न हटाए जाने से नाराज हाई कोक्ट ने सख्त कदम उठाते हुए अब यह काम भारतीय सेना की ईको टास्क फोर्स को सौंपने का फैसला किया है।

अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को कहा है कि भारतीय सेना की कुफरी स्थित ईको टास्ट फोर्स के अधिकारियों से संपर्क करे ताकि अवैध कब्जे हटाने में मदद मिले।

इसके लिए हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भारतीय सेना की कुफरी स्थित 133 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर से संपर्क करने को कहा है।

गंदा है वन भूमि पर सेब उगाकर बेचने का धंधा

बता दें कि शिमला जिला के जुब्बल, कोटखाई, चैंथला, पुंगरिश, पांदली और कलेमू में प्रभावशाली कब्जाधारियों से अभी भी अतिक्रमित भूमि नहीं छुड़वाई जा सकी है। अब हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेना की ईको टास्क फोर्स के जवान अदालत द्वारा पहले से गठित टीम के सदस्यों के साथ मिलकर आदेश का पालन करें।

दरअसल इस मामले में अदालत द्वारा नियुक्त न्याय मित्र ने हाई कोर्ट को बताया कि स्थानीय लोगों से जानकारी मिली है अभी भी बड़े कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।उन्होंने कुछ कब्जाधारियों की सूची कोर्ट को सौंपी है।

बहुत से लोगों ने सेब के बागीचे लगाने के लिए देवदार के पेड़ों से भरे जंगल साफ कर दिए हैं।

आरोपों के मुताबिक इनमें से एक परिवार के पास तो 50 बीघा जमीन का अवैध कब्जा है और उस पर उगाए सेबों की कमाई से शिमला में पांच इमारतें खड़ी करने का आरोप है। इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

50 बीघा वनभूमि कब्ज़ाई, सेब बेचकर शिमला में खड़ी की 5 इमारतें

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