अपराधी बेखौफ, शिमला में दोहरा हत्याकांड; शव खाई में फेंके, ढाई लाख लूटे

शिमला।। हिमाचल प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का एक और उदाहरण सामने आया है। आटे की सप्लाई देकर पेमेंट लेकर टैंपो में लौट रहे दो व्यक्तियों की हत्या कर दी गई और शव खाई में फेंक दिए गए। घटना शिमला की है। मैहली-शोघी बाईपास पर रात करीब एक बजे इस वारदात को अंजाम दिया गया। इस मामले में सिरमौर में दो लोगों की गिरफ्तारी होने की खबर आई है।

मृतक जीजा-साला नाहन से थे और करसोग में आटा सप्लाई करके लौट रहे ते। शुक्रवार सुबह एक शव सड़क से 60 फुट और दूसरा 150 फुट नीचे खाई में गिरा था। टेंपो को भी खाई में धकेलने की कोशिश की गई थी। अभी जांच की जा रही है कि हत्या लूट के इरादे से की गई या वजह कुछ और थी। मैहली में सीसीटीवी से पता चला कि रात 12 बजे के करीब वहां से टेंपो गुजरा था, जिसपर जीजा-साला सवार थे।

पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी। सीसीटी कैमरे में यह देखा जा रहा था कि और कौन सी गाड़ियां वहां से गुजरीं। हिस्ट्रीशीटर्स के रिकॉर्ड भी खंगाले गए। इस बीच सिरमौर से दो लोगों की गिरफ्तारी की खबर है, जिनका इस मामले में हाथ हो सकता है।

दहशत
राजधानी के पास इस तरह की वारदात से लोगों में दहशत है। अगर इस तरह से अपराध होने लग जाएं तो हिमाचल के लिए यह ठीक संकेत नहीं होगा। गुड़िया केस जैसे मामलों में ही जब पुलिस और सीबीआई कुछ हासिल नहीं कर पाई है, उससे अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। नई सरकार ने पुलिस के अधिकारी तो बदल दिए लेकिन जरूर पुलिस की शैली बदलने की है और उसे सुविधाएं, उपकरण और ट्रेनिंग देने की है। पुलिस को इस लायक बनाने की जरूरत है कि वह पेचीदा से पेचीदा मामला सुलझा सके। साथ ही सड़कों पर विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कहां से कौन गुजरा। सभी जगहों पर कैमरे नहीं लगाए जा सकते मगर कुछ किलोमीटर की दूरी पर ऐसा किया जा सकता है।

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