हिमाचल बीजेपी के मुताबिक शांता कुमार सरकारों की नहीं थी कोई उपलब्धि?

  • भाजपा में रार की दरार: महासंपर्क अभियान  लिए छपी  प्रदेश की बीजेपी सरकारों की उपलब्धियों  वाली पत्रिका से शांता युग गायब, सोशल मीडिया पर छाया मामला।

शिमला।।

मोदी सरकार के एक साल पूरा होने का जश्न और महासंपर्क अभियान अभी  प्रदेश बीजेपी ने शुरू भी नहीं किया है कि पार्टी के जनसम्पर्क अभियान के लिए छपी पत्रिका विवादों के घेरे में आ गई है। पत्रिका के एक अंश में राज्य में रही बीजेपी सरकारों के कार्यकाल की उपलब्धियों को दर्शाया गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर हो रही है, जिसमें इस पत्रिका को बनाने वालों की नीयत पर सवाल उठाए गए हैं।

सोशल मीडिया में पत्रिका की कटिंग्स दिखाई  जा रही हैं  और  चर्चा  चली है कि पूर्व मुख्यमंत्री  शांता कुमार के 2 कार्यकाल इसमें नहीं हैं। अब तक काफी लोगों द्वारा शेयर की गई इस पोस्ट में शांता कुमार के दो कार्यकालों 1977 एवं 1990  की उपलब्धियों को पॉइंट वाइज दिखाया  गया है और  हैरानी जाहिर की गई है कि  जनता जिसे पानी वाला मुख्यमंत्री और अंत्योदय पुरुष कहती है, उसकी योजनाओं का यहां जिक्र ही नहीं है।

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट शेयर की जा रही है

शांता कुमार के अंत्योदय योजना लागू करने, प्रदेश को पावर प्रॉजेक्ट्स की रॉयल्टी दिलवाने वाले और पानी की सुविधा देने वाले कामों को इस पोस्ट में मुख्य रूप से शामिल किया गया है।  खबर है कि इस तरह आम जनता के बीच यह मामला जाने से हिमाचल बीजेपी की बहुत किरकिरी हो रही है। लोग और खासकर बीजेपी कार्यकर्ता ये बातें कर रहे हैं कि क्या पत्रिका के संपादक नहीं जानते थे कि शांता कुमार जनसंभ और बीजेपी के संस्थापक मेंबर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की पहली सरकार भी उनके नेतृत्व में ही बनी थी।

लोगों का यह भी कहना है कि पार्टी के अंदर वर्षों से चली आ रही इसी जंग में बीजेपी पिछली बार के चुनावों में सरकार बनाने से चूक गई थी। अब राजनीति पंडितों की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि बीजेपी इस मुद्दे को कैसे हैंडल करती है। क्या यह पत्रिका फिर से छापी जाएगी या इसे ऐसे ही बढ़ाया जाएगा।

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