मुख्यमंत्री का अजीब व्यवहार, पटक दी लाल रंग की टोपी

शिमला।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पिछले कुछ समय से अजीब बयानों और अजीब व्यवहार के चलते चर्चा में हैं। मगर अब उनके ऊपर आरोप लगा है कि हिमाचल में टोपी के रंग के आधार पर राजनीति करने का। दरअसल अक्सर हरे रंग की बुशहरी (वास्तव में किन्नौरी) टोपी पहनने वाले मुख्यमंत्री को जब उनकी ही कैबिनेट के मंत्री ने सम्मान के लिए लाल रंग की टोपी पहनाना चाही, पहले तो मुख्यमंत्री ने कुछ पूछा, टोपी को उल्टा-पलटा और फिर पहनने से इनकार कर दिया। असहज हुए कौल सिंह ने टोपी को कम से कम स्वीकार करने की गुजारिश की तो वीरभद्र ने इसे लेकर दूसरी तरफ पटक दिया।

 

गौरतलब है कि मार्च 2017 में वीरभद्र सिंह ने बीजेपी पर टोपी की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था- मैंने तो शपथ भी तीन बार लाल रंग की टोपी में ली है। उन्होंने कहा था कि सबको सब रंग की टोपियां पहननी चाहिए। मगर बुधवार को हर कोई यह देखकर हैरान था कि क्षेत्रवाद की राजनीति न करने की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने आखिर क्यों लाल रंग की टोपी पहनने से इनकार कर दिया और फिर उसे क्यों पटक दिया। पीछे खड़े लोग और मंच पर ही मौजूद केंद्रीय मंत्री नड्डा भी यह देखकर मुस्कुराते हुए हैरान रह गए। यही नहीं, मुख्यमंत्री इसके बाद उखड़े से रहे और कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर रवाना हो गए। पहले तो वह वीडियो देखें, जिसमें मुख्यमंत्री ने टोपी पहनने से इनकार किया।

मुख्यमंत्री का यह व्यवहार चर्चा का विषय बना हुआ है और इसकी आलोचना भी हो रही है। न्यूज 18 हिमाचल द्वारा डाले गए वीडियो को अब तक हज़ार से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं। टिप्पणी करेक मुख्यमंत्री के इस व्यवहार को गलत भी बताया जा रहा है। हालांकि कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने टोपी के साइज या उसकी गुणवत्ता के कारण पहनने से इनकार किया है, मगर उसके जवाब में लोग कह रहे हैं कि सांकेतिक रूप से कुछ देर के लिए टोपी पहनकर उतारने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए थी।

 

बहरहाल, इस प्रोग्राम से जल्द निकल जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें सुबह ही इस कार्यक्रम का पता चला था। उन्होंने बताया कि पहले से ही  कसुम्पटी और सिरमौर में कई कार्यक्रम पहले से प्रस्तावित हैं, इसलिए जल्दी निकलना पड़ रहा है।

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