रिस्क उठाया और स्वरोजगार के मामले में मिसाल बनीं पालमपुर की रेणु

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कांगड़ा।। सरकारी नौकरी के भरोसे तो हमेशा बैठ नहीं सकते, ऐसे में रोजगार के लिए क्या किया जाए? In Himachal अब तक आपको बताता रहा है कि किस तरह से आप स्वरोजगार के जरिए अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए हम आपको पालमपुर की रेणु देवी के बारे में बताने जा रहे हैं। कांगड़ा जिले के पालमपुर तहसील में स्थित बगोड़ा गांव की रेणु देवी ने अपने दृढ़निश्चय और आत्मविश्वास के बदौलत अलग पहचान बनाई है। रेणु ने जिदंगी की तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक स्थिति को बदल डाला है।

ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ‘Samachar First’ के मुताबिक रेणु ने घर के हालात को ठीक रखने के लिए अपने पति के साथ खेतीबाड़ी में हाथ बंटाना शुरू कर दिया, परन्तु दोनों मिलकर भी इतना नहीं कमा पाते थे कि अपने परिवार की सही ढंग से परवरिश कर सकें। ऐसे में रेणु को PNB की धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा चलाए गए उद्यमिता जागरूकता शिविर में करवाये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी हासिल की और तुरन्त 6 दिन के डेयरी फार्मिंग के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर दिया।

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में ट्रेनिंग लेने के बाद रेणु ने अपने पति के साथ लगभग 3 लाख रुपये की पूंजी लगाकर डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू किया। मेहनत और प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान की बदौलत आज रेणु ने 6 गाय और 2 भैंसेें पाल रखी हैं, जिससे लगभग डेढ़ क्विंटल दूध प्राप्त हो रहा है। इससे वे हर महीने लगभग 35 से 40 हजार रुपये कमा रहे हैं। रेणु के पति देसराज का कहना है कि रेणु के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिन्दगी बदल दी है।

आप भी ऐसे बढ़ा सकते हैं कदम
PNB ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक कमल प्रकाश बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए फ्री ट्रेनिंग देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। वे बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुंब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक संरक्षण, अचार और पापड़ बनाना, खिलौने बनाना, डुने पत्तल बनाना, कपड़े के बैग बनाना और मोबाइल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है और प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।