इन हिमाचल डेस्क।। हिमाचल प्रदेश का लोकनृत्य या फोक डांस पड़ोसी राज्यों के मुकाबले अलग सा है। किसी भी जगह के नाच को गानों से अलग नहीं किया जा सकता। प्रदेश के लोकगीत थोड़े धीमे होते हैं। आज जहां तेज बीट पर फास्ट रिदम वाले गानों का चलन है, मगर प्रदेश में गाने धीमी लय वाले होते हैं। अब गानों के आधार पर डांस भी वैसा ही होता है। एकदम डूबकर किया जाने वाला, जिसमें संगीत की लय में मग्न होकर लचीलेपन के साथ शरीर के हर हिस्से को इस्तेमाल किया जाता है।
पहाड़ी डांस की खासियत यह है कि इसमें फ्लो पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। कदमों का मूवमेंट, कमर का मूवमेंट, कलाइय़ों का मूवमेंट और गर्दन का मूवमेंट संगीच ते आधार पर होता है। वैसे नाचना एक तरह से मन और आत्मा की खुशी का इजहार है। नाचने का आनंद तभी है जब इंसान फ्री होकर नाचे, दिल में खुशी और चेहरे में मुस्कान के साथ। कोई अच्छा डांस कर रहा हो या बुरा, यह अहमियत नहीं रखता। अहम यह है कि वह डांस कर रहा है। क्योंकि अगर कोई सीखकर विशेष स्टेप में डांस कर रहा है तो बाकी उसे देखकर खुश हो सकते हैं, मगर डांस करने वाले के लिए यह आनंददायक नहीं होता क्योंकि उसका पूरा ध्यान डांस से स्टेप्स पर रहता है। मगर हिमाचली डांस में इस तरह का कोई बंधन नहीं। इसी तरह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। देखिए प्रदेश के इन लोगों को मस्ती में नाचते हुए, जिसे नाचने वाले भी इंजॉय कर रहे हैं और आसपास खड़े लोग भी। 🙂