कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा के शिमला में बन रहे घर और जमीन के बारे में सूचना देने से बच रही हिमाचल प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई है। प्रदेश के सूचना आयोग ने सरकार को 10 दिन के अंदर प्रियंका द्वारा खरीदी गई जमीन की जानकारी देने के लिए कहा है।
पिछले साल हिमाचल प्रदेश के आरटीआई ऐक्टिविस्ट देबाशीष भट्टाचार्य ने सूचना हासिल की थी कि प्रियंका ने हिमाचल में दो जगह जमीन खरीदी है। मगर इस जमीन के बारे में जानकारी देने से सरकार द्वारा इनकार कर दिया गया था। इस साल की शुरुआत में 43 साल की वाड्रा ने राज्य सरकार को अपने वकील के माध्यम से कहा था कि उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है, ऐसे में जमीन के बारे में जानकारी न दी जाए।
अब सूचना आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जानकारी को शेयर किया जाना चाहिए। मगर आरटीआई आवेदनों को देखने वाले अधिकारियों ने इस निर्देश को व्यवहार में नहीं लाया। आयोग ने पूछा है, ‘इस बारे में बताया जाए कि सूचना आयोग के निर्देशों की उपेक्षा के लिए उन अधिकारियों को दंडित क्यों नहीं किया गया।’
स्टेट इन्फर्मेशन कमिशन ने सोमवार को कहा कि आरटीआई के अंतर्गत डीटेल्स के मुताबिक उन्होंने प्रदेश में दो जगह जमीन खरीदी थी। एक 2007 में और एक 2012 में। इसमें कुल भुगतान की भी जानकारी है।
प्रियंका गांधी के पिता राजीव गांधी और उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी, इसीलिए प्रियंका को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा मिली हुई है। इसी सुरक्षा का हवाला देते हुए प्रियंका ने जानकारी देने से इनकार कर दिया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई ऐक्टिविस्ट भट्टाचार्य ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है। वीवीआईपी यहां लगातार जमीन खरीद रहे हैं और दुरुपयोग कर रहे हैं। इसीलिए आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई।’