सुरेश चंबियाल, शिमला।।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। सूचना है कि पार्टी आलाकमान से इस बाबत बातचीत हुई है, जिसके तहत जहां एक मंत्री को ड्रॉप किया जा सकता है, वहीं उनके स्थान पर किसी नए प्रभावी चेहरे को मौका दिया जा सकता है। किसी वरिष्ठ विधायक को इस कवायद में मौका मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक प्रयास यह भी है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करके, वहां किसी नए चेहरे को तैनात किया जाए। इसी तरह कई मंत्रियों के महकमों में भी फेरबदल किया जा सकता है। जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बाबत पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से बैठक करने के बाद अंतिम निर्णय लेंगे। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी मुख्यमंत्री ने इसी बाबत अपने करीबियोें के साथ मंत्रणा की थी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जल्द मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। सूचना है कि पार्टी आलाकमान से इस बाबत बातचीत हुई है, जिसके तहत जहां एक मंत्री को ड्रॉप किया जा सकता है, वहीं उनके स्थान पर किसी नए प्रभावी चेहरे को मौका दिया जा सकता है। किसी वरिष्ठ विधायक को इस कवायद में मौका मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक प्रयास यह भी है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करके, वहां किसी नए चेहरे को तैनात किया जाए। इसी तरह कई मंत्रियों के महकमों में भी फेरबदल किया जा सकता है। जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बाबत पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से बैठक करने के बाद अंतिम निर्णय लेंगे। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी मुख्यमंत्री ने इसी बाबत अपने करीबियोें के साथ मंत्रणा की थी।
कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री करण सिंह को हफ्ता भी नहीं हुआ है कि विद्रोह की आंच दिल्ली पहुंच गयी है। वीरभद्र विरोधी खेमा सिंह को मंत्रीं बनाये जाने से खासा नाराज है और आर -पार की लड़ाई के मूड में है। गौरतलब है की तमाम तरह के विरोध के बावजूद मुख्यमंत्रीं ने बंजार के विद्याक करण सिंह को अपनी कैबिनेट में स्थान दे दिया है। विरोधी खेमे का तर्क है की इस से हिमाचल प्रदेश में क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ गया है अकेले मंडी लोकसभा हलके से पांच मंत्री करण सिंह समेत प्रकाश चौधरी, अनिल शर्मा, ठाकुर सिंह भरमौरी, एवं कॉल सिंह हो गए हैं। वहीँ हमीरपुर लोकसभा सीट से एक भी मंत्रीं कैबिनेट में नहीं है। विरोधी खेमा यहाँ से कांग्रेस के युवा तुर्क घुमारवीं के विधायक एवं सी पी एस राजेश धर्माणी को मंत्रिमंडल में शामिल करवाना चाहता था। धर्माणी इस से पहले भी हमीरपुर हलके की अनदेखी का आरोप वीरभद्र पर लगाते रहे हैं।
बुधवार को विधानसभा अद्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कांग्रेस अद्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। हालाँकि इसे शिस्टाचार भेंट बताया जा रहा है। बुटेल के अलावा कॉल सिंह और खुद मुख्यमंत्री ने भी सोनिया से मिलने का समय माँगा है। सुनने में आ रहा है की विरोधी खेमा इस बार आर पार के मूड में है। वीरभद्र सिंह ने चेयरमैन और पी एस बंनाने के लिए जो नाम आगे किये हैं वो विधयाक भी सुना है वीरभद्र खेमे से ही हैं।
इसी आधार पर एक दूसरे की खिलाफत करने के लिए दिल्ली दरबार में कांग्रेस के दोनों धड़ों ने डेरा डाल दिया है। अभी तक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह , स्वास्थय मंत्री कौल सिंह परिवहन मंत्रीं जी एस बाली , सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्रीं विद्या स्टोक्स सेहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा एवं सी पी एस विनय कुमार के डेल्ही पहुँचने की सुचना है साथ ही कुछ कॉल सिंह समर्थक विधायक भी दिल्ली में हैं।
देखना यह होगा की सोनिया से मुलाक़ात कर के कौन धड़ा अपनी बात सही ढंग से आगे रख पाता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो कांग्रेस के अंदर का यह ज्वालामुखी फूटने के कगार पर है उधर दिल्ली हाई कोर्ट ने भी वीरभद्र सिंह के मामले में सी बी आई से स्टेटस रिपोर्ट मांग ली है। जिस से वीरभद्र सिंह के ऊपर भी दबाब बढ़ा है। कांग्रेस आलाकमान इस मामले को किस तरह से लेता है यह आने वाला वक़्त ही बताएगा।