शिमला।।
हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राजभवन में कुछ बदलाव करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अंग्रेजों के दौर से चल रहे बार यानी मयखाने को बंद करवा दिया है। इसके अलावा उन्होंने सुबह-शाम हवन करने और परिसर में देसी नस्ल की गाय पालने की भी तैयारी की है। कहा जा रहा है कि उसकी देखरेख वह स्वयम् करेंगे।
आचार्य देवव्रत |
कुरुक्षेत्र गुरुकुल के प्रमुख रह चुके आचार्य देवव्रत का कहना है कि वह ऋषि-मुनियों की परंपरा स्थापित करना चाहते हैं। जानें, उन्होंने क्या लक्ष्य बताए हैं अपने:
-गाय पालना और उनकी नस्ल में सुधार करना
-हिमाचल को शराब व नशा मुक्त प्रदेश बनाना
-प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देना
-पर्यटन का विकास मगर पर्यावरण संरक्षण के साथ
– 20 प्राइवेट और चार सरकारी यूनिवर्सिटी में प्रेरणा देने वाले वैदिन ज्ञान का प्रसार करना
– प्रदेश को स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ-सुथरा रखना
– हिमाचल में एनडीए जैसे शिक्षण संस्थान खोलना
– देवभूमि में संस्कृत को प्राथमिकता देना और इसे अनिवार्य करना
राज्यपाल यह काम कैसे करेंगे, यह तो वही जानते होंगे। मगर उनके द्वारा उठाए गए कदमों और लक्ष्यों की एक-तरफ लोग जहां तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग दिखावा कहके आलोचना भी कर रहे हैं।