शिमला।।
ऊर्जा राज्य हिमाचल प्रदेश ने हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली पैदा करने के अलावा सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने की ओर भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं। दिलचस्प बात यह है की यह सौर ऊर्जा प्लांट खाली जमीन पर नहीं बल्कि नहरों के ऊपर लगाए जाएंगे। गौरतलब है की केंद्र सरकार ने प्रदेश की नहरों पर सोलर प्लांट लगाने की सम्भावना का प्रस्ताव राज्य सरकार से माँगा था जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट हिम ऊर्जा ने तैयार कर ली है।
सिंचाई के लिए बनी प्रदेश की नहरों पर यह प्लांट लगाये जाएंगे। हिम ऊर्जा की रिपोर्ट के अनुसार जिला कांगड़ा की सिद्धार्थ नहर में सब से ज्यादा सोलर बिजली पैदा करने का पोटेंशियल है। यूँ तो नहर की लम्बाई या चौड़ाई के आधार पर पता चलेगा की कितना एरिया आवश्यक होगा परन्तु फिर भी औसतन यह आँका गया है की लगभग एक किलोमीटर नहर पर एक मेगावाट तक बिजली पैदा की जा सकती है। हिम ऊर्जा के निदेशक भानु प्रताप सिंह ने इस बात की पुष्टि की है।
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deshgujrat.com से साभार। |
केंद्र सरकार इन प्रोजेक्ट्स के लिए अनुदान देगी बाकी राज्य सरकार खर्च करेगी। इन हिमाचल ने इस तरह के प्रोजेक्ट्स की तकनीकी व्यावहारिकता के बारे में आईआईटी दिल्ली में सोलर एनर्जी की फील्ड में कार्य करने वाले शोधकर्ता आशीष नड्डा जी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया की निश्चित रूप से यह एक ऐतिहासिक कदम होगा ऐसे प्रोजेक्ट्स जरूर कामयाब होंगे तथा दोहरा लाभ मिलेगा । एक तो नहरों के सोलर पैनल से ढक जाने से दिन के समय पानी का ऐवपोरशन रेट भी कम होगा, दूसरे नहर के पानी की ठंडक से सोलर पैनल गर्म नहीं हो पाएंगे जिस से उनकी उत्पादन क्षमता सही रहेगी।
आशीष नड्डा ने बताया कि एक निर्धारित तापमान के बाद सोलर पैनल की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है। परन्तु हिमाचल का ठंडा मौसम और नहर के ऊपर पैनल लगे होने से हिमाचल प्रदेश में यह सम्भावना कम रहेगी। उन्होंने जोड़ा की पिछले कुछ वर्षों में ही सोलर से पैदा हुए बिजली के दाम और लागत बहुत कम हुए है तथा हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से होने वाले पर्यावरण नुक्सान को देखते हुए हिमाचल प्रदेश को भी सोलर एनर्जी के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशनी चाहिए।