सोचा नहीं था कि कोई नेता ऐसे मां-बहन की गाली देगा और मुख्यमंत्री चुप बैठेंगे

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आई.एस. ठाकुर।।

कभी नहीं सोचा था कि एक विधायक पहले तो अभद्र भाषा इस्तेमाल करेगा और फिर उसे टोका जाएगा तो वह हमारी मां **** की बातें करेगा। (पूरी बात पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)। इसकी भी कल्पना नहीं की थी कि यह सब खुलेआम होगा और कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या नेता कुछ नहीं करेगा।

यही नहीं, वह खुलेआम कहता है कि यह मेरी ही आईडी है। मीडिया में भी कह चुका है कि मैं लोगों को उनकी भाषा में ही जवाब देता हूं। फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही।

मुख्यमंत्री से शिकायत की जाती है तो वह कहते हैं कि पहले बीजेपी वाले अपने को सुधारें। हम तो बीजेपी वाले हैं, न कांग्रेस वाले। हम हिमाचल के नागरिक हैं। हमारे लिए हिमाचल सत्ता का जरिया नहीं, हमारी जान और मान है। हमारे यहां का नेता अगर हमारी मां और बहन **** की बातें करेगा तो यह हमसे बर्दाश्त नही ंहोगा।

पिछली बार नीरज भारती नाम के इस शख्स ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को B…..C और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर M…. C  को लिखा था। तब विवाद हुआ था, मगर बीजेपी ने इस मुद्दे को जोर-शोर से नहीं उठाया। सब जानते हैं कि इसका अर्थ क्या होता है। ऊपर से जनाब ने सफाई दी थी कि BC मतलब Before Christ और MC मतलब Mahan Chanakya. ये शब्द वाक्य में कैसे फिट बैठते हैं, इसे समझाने में वह नाकाम रहे थे। (पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


अफसोस की बात यह है कि कोई जनप्रतिनिधि इस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रहा है, मगर कांग्रेस के मुख्यमंत्री और तमाम सीनियर नेता उसके खिलाफ मुंह नहीं खोलते। माना जा सकता है कि कांग्रेस के लोग अपने लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहते, मगर अनुराग ठाकुर और प्रेम कुमार धूमल के छींक मारने पर भी हंगामा कर देने वाली बीजेपी नेता क्यों खामोश हैं।

ये राजनेता खामोश रहते हों तो रहें, हम आम लोग खामोश नहीं बैठेगें। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को जवाब देना होगा कि उन्होंने क्यों ऐसे घटिया इंसान को CPS एजुकेशन बनाया है। क्या उन्हें इनकी भाषा में कुछ गलत नजर नहीं आता। और कहां गए मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार, जो आए क्रांतिकारी बातें करते हैं। क्या वे बता सकते हैं कि आईटी की कौन सी धारा के तहत यह अपराध हो रहा है? क्या वे बता सकते हैं कि उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे इस शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग क्यों नहीं करते वह?

काली पीली भेड़ों की बातें करने वाली पार्टी आज इंसानों में फर्क करना भूल गई है। यह शर्मनाक है। अगर कांग्रेस खुद कार्रवाई नहीं करती है तो सभ्य नागरिकों को आगे आना होगा। हिमाचल को यूं बदनाम करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। 

(लेखक इन हिमाचल के नियमित स्तंभकार हैं, इन दिनों आयरलैंड में हैं।)